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NSG के 41वें स्थापना दिवस पर बोले अमित शाह- ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवादियों के लिए कोई जगह सुरक्षित नहीं

मानेसर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों के मुख्यालयों, प्रशिक्षण केंद्रों और ‘लॉन्च पैड्स’ को तबाह कर दिया गया तथा अब आतंकवादियों के लिए कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं है।

आतंकवाद-रोधी ‘ब्लैक कैट’ कमांडो बल राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) के 41वें स्थापना दिवस पर यहां उसके मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी कहा कि भारतीय सुरक्षा बल जमीन के अंदर घुसकर हर आतंकवादी कृत्य की सजा देने के लिए कृतसंकल्प हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में आतंकवादी मुख्यालयों, उनके प्रशिक्षण केंद्रों और लॉन्च पैड्स को नष्ट किया है…ऑपरेशन महादेव में हमारे सुरक्षा बलों ने पहलगाम में आतंकी हमला करने वाले आतंकवादियों का सफाया करने के लिए सटीक कार्रवाई की। इससे नागरिकों का सुरक्षा बलों पर विश्वास और भी मजबूत हुआ है।’’

भारतीय रक्षा बलों ने 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत मई में पाकिस्तान एवं इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी बुनियादी ढांचे और रक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया था। पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने आतंकवाद को ‘बिल्कुल बर्दाश्त न करने की नीति’ अपनाई है।

शाह ने कहा कि अगर कोई अनुच्छेद 370 (जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले) के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक, हवाई हमले और ऑपरेशन सिंदूर तक आतंकवादियों के खिलाफ सरकार के अभियान का ध्यानपूर्वक विश्लेषण करे तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों और आतंकी समूहों की जड़ों पर प्रहार किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादी चाहे कहीं भी छिपे हों, हमारे सुरक्षा बलों ने साबित कर दिया है कि अब आतंकवादियों के लिए कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है। हमारे सैनिक धरती की गहराइयों में जाकर हर आतंकवादी कृत्य का दंड देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।’’ उन्होंने कहा कि 2019 से केंद्र सरकार ने देश को आतंकी खतरों से बचाने के लिए कई कदम उठाए हैं।

शाह ने कहा कि इनमें गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण अधिनियम में संशोधन शामिल हैं। इसके अलावा आतंकवादी समूहों के वित्तपोषण की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों को सक्रियता से आगे बढ़ाना भी शामिल है।

गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने आतंकवाद के वित्तपोषण की वैज्ञानिक जांच के लिए भी एक प्रणाली स्थापित की है, आतंकवादी समूह ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ पर प्रतिबंध लगाया है और देशभर में आतंकवादी समूहों पर खुफिया जानकारी एकत्र करने एवं साझा करने के लिए बहु-एजेंसी केंद्र को मजबूत किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार हमने नये आपराधिक कानूनों में आतंकवाद को परिभाषित किया है और अदालतों में पहले पाई गई कमियों को पूरा किया है। अब तक, हमने 57 से ज़्यादा व्यक्तियों और कई संगठनों को गैरकानूनी घोषित किया है।’’

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में एनएसजी ने देश में संगठित अपराध और आतंकवाद के खिलाफ बहुत महत्वपूर्ण लड़ाई लड़ी है। शाह ने कहा कि एनएसजी ने 1984 के बाद से कई गंभीर हमलों में अपनी बहादुरी से राष्ट्र की रक्षा की है, जिनमें ऑपरेशन अश्वमेध, ऑपरेशन वज्र शक्ति और ऑपरेशन धांगु सुरक्षा शामिल हैं।

शाह ने कहा, ‘‘एनएसजी की बहादुरी देखकर देश के हर नागरिक को लगता है कि राष्ट्र की सुरक्षा बेहद सुरक्षित हाथों में है। पूरा देश एनएसजी की बहादुरी पर गर्व करता है। मैं इसके लिए एनएसजी के जवानों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।’’ एनएसजी गृह मंत्रालय के अधीन एक संघीय आकस्मिक बल है।

इसकी स्थापना 1984 में हुई थी और इसके ‘ब्लैक कैट’ कमांडो उच्च जोखिम वाले अतिविशिष्ट व्यक्तियों (वीआईपी) की सुरक्षा के अलावा विशिष्ट आतंकवाद-रोधी और अपहरण-रोधी अभियानों का भी जिम्मा संभालते हैं। शाह ने कहा कि सरकार उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बल का छठा केंद्र स्थापित करने जा रही है। एनएसजी के पांच मौजूदा केंद्र मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और गांधीनगर में हैं।

गृह मंत्री ने एनएसजी के विशेष अभियान प्रशिक्षण केंद्र की आधारशिला भी रखी, जिसका निर्माण आठ एकड़ क्षेत्र में 141 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। यह अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्र न केवल एनएसजी के लिए होगा, बल्कि देश भर के आतंकवाद-रोधी दस्तों के कर्मियों को भी प्रशिक्षित करेगा। शाह ने कहा कि इससे आतंकवाद के खिलाफ देश की लड़ाई और मजबूत होगी।

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