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क्यों बढ़ रही है महिलाओं में कमजोरी? जानें लक्षण और आयुर्वेदिक समाधान

महिलाओं में पोषण की कमी आजकल बहुत आम हो गई है, लेकिन अब भी अधिकतर लोग इसे हल्के में लेते हैं। हमारा शरीर रोजाना विटामिन, मिनरल, प्रोटीन जैसे कई पोषक तत्व मांगता है। जब ये सही मात्रा में नहीं मिलते, तो शरीर धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है। यही वजह है कि थकान, चक्कर आना, बाल झड़ना, स्किन का ग्लो कम होना और मूड स्विंग्स जैसी दिक्कतें बढ़ने लगती हैं।

आयुर्वेद के हिसाब से यह समस्या सीधे धातु पोषण से जुड़ी होती है। अगर शरीर की रस, रक्त और अस्थि जैसी धातुएं कमजोर हो जाएं, तो ऊर्जा, हड्डियां और खून सब प्रभावित होते हैं। गलत खानपान, तनाव और बिगड़ी दिनचर्या धातु निर्माण को कमजोर कर देते हैं। अग्नि कमजोर पड़े तो खाना खा लेने के बाद भी शरीर पोषक तत्व अच्छे से अवशोषित नहीं कर पाता।

महिलाओं में आयरन की कमी सबसे ज्यादा पाई जाती है, खासकर मासिक धर्म के कारण। आयरन कम हो तो कमजोरी, सिर घूमना और सांस फूलना आम बात है। कैल्शियम और विटामिन डी की कमी से हड्डियां दर्द करने लगती हैं और शरीर में अकड़न रहती है। अगर ओमेगा और बी12 कम हों, तो मूड भी जल्दी बिगड़ता है और दिमाग ठीक से फोकस नहीं कर पाता।

पोषण की कमी बढ़ने के मुख्य कारण भी रोजमर्रा की आदतों से जुड़े हैं। भोजन छोड़ देना, देर से लंच करना, ज्यादा चाय-कॉफी लेना, जंक फूड और मीठा ज्यादा खाना, ये सब पोषक तत्वों को अवशोषित होने नहीं देते। पानी कम पीने से विषाक्त पदार्थ जमा होते हैं और पाचन धीमा पड़ जाता है। नींद की कमी और स्ट्रेस भी शरीर को रिकवर नहीं होने देते।

अब बात करते हैं आसान घरेलू उपायों की। सुबह सबसे पहले हल्का गर्म पानी पीएं, इससे पाचन तुरंत शुरू होता है। नाश्ते में रागी, दलिया, पोहा, पीनट या कोई पौष्टिक चीज शामिल करें। दिन में एक बार तिल-गुड़, 5–7 भिगोए बादाम और 2 अखरोट खाना फायदेमंद है। आंवला रस या आंवला किसी भी रूप में लें, इससे आयरन और इम्यूनिटी दोनों बढ़ते हैं। हरी सब्जियां, चुकंदर, अंकुरित दालें और नारियल पानी रोज शामिल करें। रात का खाना हल्का रखें और दोपहर में छाछ पाचन सुधारती है। रोज 10-15 मिनट धूप बहुत जरूरी है। रात में हल्दी दूध और अच्छी नींद शरीर को रिपेयर करते हैं।

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