ओपिनियनबड़ी खबरसंपादक की पसंद

अब तथाकथित धर्मनिरपेक्ष नेताओं को हुई “ध्यान” से भी समस्या!

मृत्युंजय दीक्षित


लोकसभा चुनावों के अंतिम दौर का प्रचार समाप्त होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्यान करने के लिए कन्याकुमारी जा रहे हैं। यह समाचार मीडिया में आते ही मोदी विरोधियों ने तीखी बयानबाजी आरम्भ करके यह सिद्ध कर दिया कि पूरा का पूरा इंडी गठबंधन सनातन विरोधी है और इनकी मोहब्बत की दुकान में सनातन के विरुद्ध नफरत का सामान भरा पड़ा है। चुनाव प्रचार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संपूर्ण इंडी गठबंधन को मुस्लिम तुष्टिकरण के सम्बन्ध में बेनकाब किया और अब उन्होंने स्वयं प्रधानमंत्री मोदी के ध्यान कार्यक्रम का विरोध करके प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा किए गए दावों की पुष्टि कर दी।
समाचारों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी कन्याकुमारी में उसी शिला पर ध्यान लगाएंगे जहां स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाकर विकसित भारत का सपना देखा था।

इस शिला के ऊपर ही स्वामी विवेकानद की स्मृति में विवेकानंद रॉक मेमोरयिल बनाया गया है। ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार के बाद पहले भी ध्यान के लिए जाते रहे हैं 2014 में उन्होंने महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज से जुड़े प्रतापगढ़ में ध्यान लगाया था और 2019 केदारनाथ की रुद्र गुफा में ध्यान लगाया था। विवेकानंद रॉक पर तीन दिन लगातार ध्यानावस्था में रहते हुए ही विवेकानंद जी को विकसित भारत का दर्शन मिला था, प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा है संभवत इसी के दृष्टिगत उन्होंने ध्यान लगाने के लिए इस स्थान को चुना है।

प्रधानमंत्री मोदी के ध्यान कार्यक्रम से विपक्ष बौखला गया है और अजीबोगरीब प्रतिक्रिया दे रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ध्यान को टीवी पर दिखाया गया तो उनकी पार्टी चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करायेगी। उन्होंने आगे कहा कि अब प्रधानमंत्री मोदी को वहीं रह जाना चाहिए और आराम करना चाहिए। कांग्रेस ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताकर चुनाव आयोग के पास शिकायत तक दर्ज करवा दी है। इस विवाद में तमिलनाडु की सत्ताधारी द्रमुक भी कूद पड़ी है और उसने वहां के डीएम से शिकायत की है । यह वही ममता बनर्जी है जिनके राज में संदेशखाली होता है, बंगाल में रामनवमी मनाने पर प्रतिबंध लगाया जाता है, रामनवमी पर जानबूझकर दंगा कराया जाता है। जो द्रमुक शिकायत कर रही है वह सनातन के उन्मूलन की बात कर चुकी है। बंगाल और तमिलनाडु, केरल में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का उद्घाटन समारोह टीवी पर न दिखया जाये इस पर पूरा जोर लगा दिया था। आज ये लोग ध्यान का विरोध कर रहे हैं जिन्होंने कभी योग दिवस व सूर्य नमस्कार आदि का भी विरोध किया, यह वही लोग हैं जो आयुर्वेद का विरोध करते हैं।

ममता बनर्जी प्रधानमंत्री मोदी के ध्यान कार्यक्रम से इसलिए घबरा गई है क्योंकि बंगाल के जनमानस में विवेकानंद के गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस का बहुत अघिक प्रभाव है और अंतिम चरण की बची हुई सीटों पर इसका बहुत गहरा प्रभाव पड़ सकता है।बंगाल में ममता बनर्जी व उनकी पार्टी के कुछ नेताओं की विकृत बयानबाजी आहत साधु संत पहले ही प्रदर्शन कर चुके हैं अब उसके बाद प्रधानमंत्री का ध्यान योग ममता को बुरी तरह से परेशान कर रहा है क्योंकि जब प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में ध्यान लगाया तब पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बन गई और जब 2019 में केदारनथा धाम की गुफा में ध्यान लगाया तब भाजपा ने तीन सौ पार का लक्ष्य प्राप्त करने में सफल हुई। 2024 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी ने कमल के लिए मिशन 370 और अबकी बार 400 पार का नारा दिया है। अब विपक्ष को डर सता रहा है कि कहीं प्रधानमंत्री ध्यान लगाने के बाद अपना लक्ष्य प्राप्त करने मे सफल न हो जायें।

विवेकानंद राक मेमोरियल तमिलनाडु के कन्याकुमारी में समुद्र में स्थित एक भव्य स्मारक है यह जमीन तट से 500 दूर समुद्र में दो चट्टानों के ऊपर बना है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरकार्यवाह रहे एकनाथ राना डे ने यह स्मारक मंदिर बनवाने में प्रमुख भूमिका निभाई। 2 सितंबर 1970 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डा. वी. वी. गिरि ने इसका उद्घाटन किया था।पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम ने भी 22 सितंबर 2006 को यहां दो घंटे तक ध्यान लगाया था।

आज विपक्षी इंडी गठबंधन ध्यान का विरोध कर रहा है। ध्यान हमारी सनातन संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है। ध्यान लगाने से शारीरिक व मानसिक विश्राम प्राप्त होता है। शरीर को एक नई ऊर्जा प्राप्त होती है और सबसे बड़ी बात यह है कि ध्यान थकान हटाने का एक बहुत बड़ा साधन है किंतु सेक्युलर ताकतों को विरोध करना है तो करना है। लेकिन जब दिल्ली के शराब घोटाले में फंसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपश्यना करने जाते हैं तब यह दल उनका विरोध नही करते आखिर क्यों?

खबरी अड्डा

Khabri Adda Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button