
कर्नाटक के हावेरी जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। साल 2024 के हनगल गैंगरेप मामले में 7 लोगों को कोर्ट से जमानत मिल गई है। इसके बाद आरोपियों ने विजय जुलूस निकाला है। आरोपियों की विजय जुलूस निकालने की घटना से पूरे हावेरी जिले में आक्रोश है। सोशियल मीडिया पर विजय जुलुस का वीडियो वायरल होने के बाद लोग उनकी रिहाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं। आइए जानते हैं पूरा मामला।
किस आधार पर मिली जमानत?
हनगल गैंगरेप मामले में गैंगरेप के आरोपियों ने रिहाई के बाद अक्की आलूर में बाइक और कारों के साथ विजय जुलुस निकाला। इस मामले में सात मुख्य आरोपियों को हावेरी सेशंस कोर्ट ने जमानत दे दी, क्योंकि पीड़िता आरोपियों की सुनिश्चित पहचान नहीं कर पाई।
जिन आरोपियों को जमानत दी गई है वे हैं:
- आफताब चंदनकट्टी,
- मदार साब मंडक्की,
- समीउल्ला लालनवर,
- मोहम्मद सादिक अगसीमणि,
- शोएब मुल्ला,
- तौसीफ, और
- रियाज सावीकेरी।
क्या है पूरा केस?
गैंगरेप का यह मामला जनवरी 2024 का है, जब एक युवती ने सात लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाया था। आरोपी एक लॉज में जबरन घुसे थे और पीड़िता पर एक गैर मजहब के युवक के साथ रिश्ता रखने पर सवाल खड़ा किया था। पुलिस ने मोरल पुलिसिंग का केस कर आरोपियों को अरेस्ट कर लिया था। इसके बाद पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में कहा था कि इन 7 आरोपियों ने उसके साथ गैंग रेप भी किया। आरोपी होटल से उसे जबरन लेकर गए और पास के जंगलनुमा इलाके में उसके साथ गैंग रेप किया। इस बयान के बाद पुलिस ने गैंगरेप की धाराएं भी जोड़ दी थीं।
पुलिस ने क्या कहा?
सोमवार को कोर्ट ने इन आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिये। आरोपियों की रिहाई और उसके बाद निकाले गए विजय जुलूस ने लोगों की भावनाओं को झकझोर दिया है, और कानून व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अक्की अलूर पुलिस में मामले का संज्ञान लेते हुए वीडियो सबूतों को अदालत में पेश करने और इस आधार पर उनकी जमानत को रद्द करने की प्रक्रिया की बात कही है।