150th Birth Anniversary of Sardar Vallabhbhai Patel: एकता यात्रा में शामिल हुए सीएम योगी, मो. अली जिन्ना और मो. अली जौहर को लेकर कही यह बात

गोरखपुरः लौह पुरुष, ‘भारत रत्न’ सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज 150वीं जयंती है। इस अवसर पर गोरखपुर में ‘एकता यात्रा’ आयोजन किया गया। सीएम योगी आदित्यनाथ रानी लक्ष्मीबाई पार्क में आयोजित एकता यात्रा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के नेताओं मोहम्मद अली जिन्ना और मोहम्मद अली जौहर का हवाला देते हुए कहा कि जो लोग राष्ट्रीय गीत ‘‘वंदे मातरम’’ का विरोध करते हैं, वे भारत की एकता और अखंडता का अपमान कर रहे हैं।
आदित्यनाथ ने गोरखपुर में ‘एकता यात्रा’ और सामूहिक ‘‘वंदे मातरम्’’ गायन में भाग लेने के दौरान कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि आज भी भारत में रहने वाला हर व्यक्ति राष्ट्र के प्रति वफादार रहेगा और इसकी एकता के लिए काम करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा कर्तव्य है कि हम उन सभी तत्वों की पहचान करें और उनका विरोध करें जो समाज को विभाजित करते हैं, चाहे वह जाति, क्षेत्र या भाषा के नाम पर हो। ये विभाजन नए जिन्ना बनाने की साजिश का हिस्सा हैं।’’
आदित्यनाथ ने लोगों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि भारत में फिर कभी कोई नया जिन्ना न उभरे और अगर कोई देश की अखंडता को चुनौती देने की हिम्मत करता है तो ‘‘हमें ऐसी विभाजनकारी मंशा को जड़ से उखाड़ फेंकने से पहले ही उसे दबा देना चाहिए।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भारत के प्रत्येक नागरिक को इस उद्देश्य के लिए एकजुट होना चाहिए।’’
मोहम्मद अली जिन्ना 1913 से 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान के निर्माण तक ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के नेता रहे। इसके बाद वह एक साल बाद 1948 में अपनी मृत्यु तक पाकिस्तान के पहले गवर्नर-जनरल बने। मोहम्मद अली जौहर ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के सह-संस्थापक थे। आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ का अनादर करने का आरोप लगाते हुए राज्य के सभी विद्यालयों में इसका गायन अनिवार्य किए जाने का ऐलान किया है।
उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद अली जौहर पर वंदे मातरम का विरोध करने का आरोप लगाया और कहा कि इस पार्टी ने यदि वंदे मातरम के माध्यम से भारत की राष्ट्रीयता का सम्मान किया होता तो देश का विभाजन नहीं होता। मुख्यमंत्री ने ‘एकता यात्रा’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘वंदे मातरम राष्ट्रीय गीत के प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए। उत्तर प्रदेश के हर विद्यालय और हर शिक्षण संस्थान में हम इसका गायन अनिवार्य करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि इससे उत्तर प्रदेश के हर नागरिक के मन में भारत माता के प्रति अपनी मातृभूमि के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव जागृत हो सकेगा। आदित्यनाथ ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘कुछ लोगों के लिए आज भी भारत की एकता और अखंडता से बढ़कर उनका मत और मजहब हो जाता है। उनकी व्यक्तिगत निष्ठा महत्वपूर्ण हो जाती है। वंदे मातरम के विरोध का कोई औचित्य नहीं है।’’
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘वंदे मातरम के खिलाफ विषवमन हो रहा है। कांग्रेस के अधिवेशन में 1896-97 में स्वयं गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर ने पूरे वंदे मातरम का गायन किया था और 1896 से लेकर 1922 तक कांग्रेस के हर अधिवेशन में वंदे मातरम का गायन होता था लेकिन 1923 में जब मोहम्मद अली जौहर कांग्रेस के अध्यक्ष बने तो वंदे मातरम का गायन शुरू होते ही वह उठकर चले गए। उन्होंने वंदे मातरम गाने से इनकार कर दिया। वंदे मातरम का इस प्रकार का विरोध भारत के विभाजन का दुर्भाग्यपूर्ण कारण बना था।’’ आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस ने अगर उस समय मोहम्मद अली जौहर को अध्यक्ष पद से बेदखल करके वंदे मातरम के माध्यम से भारत की राष्ट्रीयता का सम्मान किया होता तो भारत का विभाजन नहीं होता।
उन्होंने दावा किया, ‘‘बाद में कांग्रेस ने वंदे मातरम में संशोधन करने के लिए एक कमेटी बनाई। 1937 में रिपोर्ट आई और कांग्रेस ने कहा कि इसमें कुछ ऐसे शब्द हैं जो भारत माता को दुर्गा के रूप में, लक्ष्मी के रूप में, सरस्वती के रूप में प्रस्तुत करते हैं, इनको संशोधित कर दिया जाए।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय गीत धरती माता की उपासना का गीत है और हम सब के संस्कार हैं कि धरती हमारी माता है और हम सब इसके पुत्र हैं और पुत्र होने के नाते अगर मां के सम्मान में कहीं कोई आंच आती है तो हमारा दायित्व बनता है कि हम उसके खिलाफ खड़े हों।





