भागलपुर में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा: छोटे किसानों को प्रति एकड़ सहायता राशि और प्रशिक्षण दे रही सरकार

भागलपुर। देश के मध्यम एवं निम्न वर्ग के किसानों को ध्यान में रखकर भारत सरकार कई योजनाएं चला रही है। सरकार की तरफ से जैविक और प्राकृतिक खेती पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बिहार के भागलपुर जिले का गांव भी इससे अछूता नहीं है, जहां के किसानों को प्रशिक्षण के साथ-साथ सहायता राशि भी मुहैया कराई जा रही है।
भागलपुर की गंगा नदी के किनारे जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए छोटे किसानों को सहायता राशि भी दी जा रही है। सरकार से सहायता राशि से लाभान्वित किसान ने सरकार को धन्यवाद दिया और सरकार की दूरदर्शिता की तारीफ की। किसान ने बताया कि जमीन की उर्वरता बचाए रखने के लिए सरकार हमें मदद कर रही है।
किसान वेद व्यास चौधरी ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया, “भारत सरकार द्वारा पहले जैविक खेती और अब प्राकृतिक खेती की तरफ जोर दिया जा रहा है। उस बाबत प्राकृतिक खेती करने वाले कई किसानों को प्रति एकड़ सहायता राशि भी दी जा रही है। इसी के अंतर्गत बिहार में खासकर नदी किनारे जैविक खेती को बढ़ावा देने और रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल कम करने का मुहिम चलाया जा रहा है। बिहार के तमाम जिलों में क्लस्टर भी बनाया गया है।”
उन्होंने कहा, “हमारे यहां मिट्टी बहुत उपजाऊ है, जिसकी उर्वरकता बचाए रखने के लिए नदी के दोनों ओर जैविक और प्राकृतिक खेती को सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसका उद्देश्य खेतों को रासायनिक दवाई और खाद से दूर रखना है।”
किसान ने बताया, “हमारे यहां प्राकृतिक खेती के लिए सात ब्लॉक का चयन हुआ है, जिसमें 10 कलस्टर हैं और प्रत्येक कलस्टर में करीब सवा सौ किसान हैं। हर कलस्टर में दो कृषि सखी की भी बहाली हुई है; उनका काम हर किसान को प्रशिक्षण देना है।”
उन्होंने बताया, “पूर्व में प्राकृतिक खेती के साथ-साथ देसी गाय को भी बढ़ावा देने की घोषणा की गई थी। अगर यहां पर सही तरीके से काम हो, तो प्राकृतिक खेती की खूब संभावनाएं हैं। हमारे जैसे कई किसान प्राकृतिक खेती करके गंगा नदी को दूषित होने से बचा सकते हैं।”





