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कैसा है भारत और भूटान का संबंध? दोनों देश व्यापारिक साझेदारी को बढ़ाने में लगे हैं, आस्था से खास जुड़ाव

भारत और भूटान के बीच व्यापारिक, रणनीतिक और रक्षा का गहरा संबंध है। इससे इतर दोनों देशों के बीच आस्था और विश्वास का भी गहरा नाता है। भारत भूटान का सबसे बड़ा भागीदार है। इसका क्षेत्रफल 38,394 वर्ग किलोमीटर है और कंट्रीमीटर्स के हिसाब से इसकी जनसंख्या 8,33,415 है।

भारत और भूटान के बीच अध्यात्म का गहरा संबंध है। बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग भारी तादाद में भूटान में भगवान बुद्ध के धार्मिक स्थल पर पहुंचते हैं। दोनों देशों में व्यापारिक संबंध की बात करें तो 2007 की भारत-भूटान मैत्री संधि और 2016 के भारत-भूटान व्यापार, वाणिज्य एवं पारगमन समझौते ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध को और भी मजबूत बनाया। इन समझौतों के जरिए भारत और भूटान के बीच मुक्त व्यापार व्यवस्था स्थापित हुई। इसके साथ ही भूटान को तीसरे देशों से आयातित वस्तुओं के लिए फ्री ट्रांजिट की सुविधा भी मिलती है।

भारत लगातार भूटान का शीर्ष व्यापारिक साझेदार रहा है। भूटान के कुल व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 2023 में 79.17 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 79.88 प्रतिशत हो गई।

जनवरी-दिसंबर 2024 में, भारत का भूटान के साथ द्विपक्षीय व्यापार 12,669 करोड़ रुपए का था। इसमें से भूटान को भारत का निर्यात 9,538 करोड़ रुपए और भूटान से भारत का आयात 3,131 करोड़ रुपए था।

भारत ने भूटान को जरूरी वस्तुओं के निर्यात पर किसी भी तरह के प्रतिबंध या रोक नहीं लगा रखी है। इसके अलावा, भूटान के निर्यात को आसान बनाने के लिए कई व्यापारिक मार्गों को मंजूरी दी गई। हाल ही में, भूटान को विभिन्न उर्वरकों की आपूर्ति के लिए एक बी2बी (बिजनेस टू बिजनेस) समझौता हुआ।

भारत और भूटान के बीच संपर्क को और बढ़ाना दोनों देशों की प्राथमिकता है, जिसमें सीमा पार रेल संपर्क स्थापित करना, सड़क संपर्क को मजबूत करना, एकीकृत चेक पोस्ट और व्यापार मार्ग स्थापित करना, नए आव्रजन बिंदु और डिजिटल संपर्क शामिल हैं।

रेलवे कनेक्टिविटी की दिशा में काम करते हुए 29 सितंबर को भारत और भूटान ने एक अंतर-सरकारी समझौता किया। इसके तहत दो रेल संपर्क, कोकराझार-गेलेफू (69 किमी) और बानरहाट-समत्से (20 किमी), तैयार किए जाएंगे। इसकी अनुमानित लागत 4,033.34 करोड़ रुपए मानी जा रही है।

भारत ने भूटान में कुल 3,156 मेगावाट की पांच प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएं (एचईपी) विकसित की हैं, जिनमें 336 मेगावाट की चुखा जलविद्युत परियोजना, 60 मेगावाट की कुरिचु जलविद्युत परियोजना, 1,020 मेगावाट की ताला जलविद्युत परियोजना, 720 मेगावाट की मंगदेछु जलविद्युत परियोजना और हाल ही में (अगस्त 2025 में) पूरी हुई 1,020 मेगावाट की पुनात्सांगछु जलविद्युत परियोजना शामिल हैं। इसके अलावा फिनटेक, रुपे कार्ड और भीम यूपीआई भी भारत-भूटान ट्रेड साझेदारी को बढ़ा रहे हैं।

भारत और भूटान एक दूसरे के साथ एक खास आध्यात्मिक जुड़ाव साझा करते हैं। भूटान में बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। वहां से बड़ी संख्या में लोग भगवान बुद्ध के दर्शन के लिए भारत में बोधगया, राजगीर, नालंदा, सिक्किम, उदयगिरी, सारनाथ और दूसरी बौद्ध जगहों पर पहुंचते हैं। इस तरह से भारत और भूटान के बीच एक खास धार्मिक कनेक्शन है।

भारत भूटान को पेट्रोलियम उत्पाद (डीजल, पेट्रोल), वाहन (कार), चावल, मशीनरी, सीमेंट, इस्पात, दवाइयां, और विभिन्न खाद्य पदार्थ (जैसे चीनी, सोयाबीन तेल, मसाले) और अन्य उपभोक्ता वस्तुएं (जैसे मोबाइल फोन, अगरबत्ती, फर्नीचर) निर्यात करता है।

इसके अलावा, भारत भूटान से बिजली, लौह और इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर और प्राकृतिक उत्पाद जैसे इलायची, सुपारी और संतरे आयात करता है। इसके अलावा, भूटान से कैल्शियम कार्बाइड, जिप्सम और विभिन्न हस्तशिल्प व खनिज भी आयात किए जाते हैं।

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