3 मिनट का ठहाका दिलायेगा बीमारियों से राहत : मेंटल स्ट्रेस, एंजायटी, डिप्रेशन और अनिद्रा होगी दूर

लखनऊ। हास्य योग के नियमित अभ्यास से सकारात्मक हारमोंस जैसे सेरोटोनिन, बीटाइंडोर्फिन, वेसोप्रेसिन प्रचुर मात्रा में उत्सर्जित होते हैं, जिन्हें हैप्पी हार्मोन्स के नाम से भी जाना जाता है, यदि रोजाना केवल 3 मिनट ठहाका लगाकर हंस लें तो हृदय की रक्त वाहिनियों में ब्लॉकेज नहीं होने पाता, मेंटल स्ट्रेस, एंजायटी, डिप्रेशन और अनिद्रा जैसी समस्यायें मनुष्य के ऊपर हाबी नहीं होने पाती।
यह कहना है कैलिफोर्निया (अमेरिका) के हास्य योगी डॉ. रमेश पांडे का। वह गुरुवार को लखनऊ स्थित नेशनल इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस दौरान डॉ. रमेश ने 51 प्रकार की हंसी का व्यावहारिक प्रयोग कराकर छात्र-छात्राओं और अध्यापकों का मानसिक तनाव कुछ ही मिनटों में दूर कर दिया।
दरअसल, नेशनल इंटर कॉलेज में इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन (आई.एन.ओ.) और वैदिक योग-प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में मानसिक स्वास्थ्य के प्रबंधन में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा का महत्व विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया।
इस अवसर पर बलरामपुर चिकित्सालय के योग विशेषज्ञ डॉ. नन्दलाल जिज्ञासु ने बताया कि वर्तमान में 9 वर्ष के बच्चों से लेकर 25 वर्ष के युवा एंड्रॉयड फोन का प्रयोग अधिक करने के कारण मानसिक रोग का शिकार हो रहे हैं, उन्हें फोन की जगह नियमित व्यायाम, योगासन, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार और ध्यान के अभ्यास करना चाहिए, इससे उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य उत्तम होगा है, इससे रोगों से लड़ने की भी क्षमता शरीर में विकसित होगी।
जिससे दवाओं पर पराधीनता कम होगी। इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन के राज्य सलाहकार डॉ. अरुण कुमार भरारी ने बताया कि विद्यार्थियों को पाचन, पोषण और निष्कासन की दृष्टि से उत्तम आहार का सेवन करना चाहिए। समाज में प्रचलित जंक फूड, फास्ट फूड, सिंथेटिक कोल्डड्रिंक्स जहां शारीरिक रोगों को बढ़ावा देते हैं वहीं मानसिक रोगों को भी पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसलिए जंक फूड का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इस अवसर पर विद्यालय के वरिष्ठ प्रवक्ता सुनहरी लाल, नर्वदा सिंह, राजीव कुमार सहित 39 शिक्षकों 11 कर्मचारी और लगभग 500 छात्र-छात्रायें शामिल रहे।





