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Cyclone Montha: एक की मौत…सड़कें जलमग्न, फसलें क्षतिग्रस्त, आंध्र प्रदेश के तट को पार किया मोंथा, दिखने लगा यूपी बिहार में असर

अमरावती। भीषण चक्रवाती तूफान मोंथा के रात में आंध्र प्रदेश के तट पर पहुंचने के बाद एक महिला की मौत हो गई, सड़कें जलमग्न हो गईं और आंध्र प्रदेश में कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। प्रारंभिक अनुमानों का हवाला देते हुए सरकार ने मंगलवार को बताया था कि मोंथा के प्रभाव से 38,000 हेक्टेयर में खड़ी कृषि फसलें नष्ट हो गईं तथा 1.38 लाख हेक्टेयर में बागवानी फसलें भी क्षतिग्रस्त हो गईं।

कोनासीमा जिले के मकानगुडेम गांव में 28 अक्टूबर को तेज हवा के कारण ताड़ का एक पेड़ उखड़कर महिला पर गिर जाने से 43 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी। आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एपीएसडीएमए) के प्रबंध निदेशक प्रखर जैन ने कोनासीमा निवासी एक महिला की मौत की पुष्टि की। जैन ने कहा कि एपीएसडीएमए नुकसान की रिपोर्टों की पुष्टि कर रहा है और चक्रवात के प्रभाव से किसी को गंभीर चोट नहीं आई है।

पश्चिम गोदावरी जिले के पुलिस अधीक्षक अदनान नईम असमी ने बताया कि जिले भर में 141 पेड़ उखड़ गए और लोगों को सांपों द्वारा काटे जाने के आठ मामले सामने आए। असमी ने पीटीआई-भाषा को बताया, “चक्रवात अंतरवेदी के पास तट पार कर गया। कुछ खंभों और पेड़ों के उखड़ने सहित नुकसान बहुत सीमित है। मोगलतुरु इलाके में एक-दो फूस के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।” उन्होंने आगे कहा कि जिले में किसी की जान नहीं गई।

इसी तरह, उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति में कोई बड़ी बाधा नहीं आई और अधिकारियों ने सुरक्षा के लिए कुछ स्थानों पर बिजली आपूर्ति काट दी। पश्चिम गोदावरी जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एडीएसपी) वी भीमा राव ने बताया कि चक्रवात से निपटने के लिए बेहतरीन तैयारियां की गई थीं जिसके कारण 15 मिनट के भीतर उखड़े हुए पेड़ों को हटा दिया गया। राव ने बताया कि आधी रात के आसपास, जब मोंथा (थाई भाषा में जिसका अर्थ सुगंधित फूल होता है) तट पार कर रहा था, समुद्र पेरूपलेम गांव में समुद्र तट से लगती सड़क तक पहुंच गया।

एडीएसपी ने चक्रवात के प्रभावी प्रबंधन का श्रेय लोगों में व्यापक जागरूकता और समुद्र तटीय गांवों में वायरलेस सेट के माध्यम से गहन संचार को दिया। कोनासीमा जिले के अंतरवेदी गांव में चक्रवात ने दस्तक दी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 200 पेड़ों के उखड़ने और 70 बिजली के खंभों को नुकसान पहुंचने के अलावा ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। अधिकारी ने बताया कि पेड़ों के गिरने से दो लोग घायल हुए हैं।

मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की स्थिति की समीक्षा

आपदा प्रबंधन मामलों के विशेष मुख्य सचिव जी साई प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बारिश और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक वस्तुओं का वितरण करने का निर्देश दिया। प्रसाद ने एक सरकारी आदेश में कहा, “सरकार प्रभावित जिलों के जिला कलेक्टरों को राहत शिविरों में रह रहे प्रभावित परिवारों और प्रभावित मछुआरों को आवश्यक वस्तुओं का निःशुल्क वितरण करने की अनुमति देती है।” सरकार 25 किलो चावल और लाल चना दाल, एक-एक लीटर खाना पकाने का तेल, प्याज, आलू और चीनी वितरित करेगी। बुनकरों और मछुआरों को चावल की दोगुनी मात्रा, यानी 50 किलो, वितरित की जाएगी।

मोन्था के प्रभाव से यूपी के कई जिलों में बेमौसम बारिश जारी

बंगाल की खाड़ी में सक्रिय भीषण चक्रवाती तूफान मोन्था के प्रभाव से उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बेमौसम बारिश जारी है। अधिकारियों के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर बारिश और गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, बारिश के कारण राज्य के अधिकांश हिस्सों में दिन के तापमान में भारी गिरावट आई है और अधिकांश वेधशालाओं में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया।

लखनऊ में, रात भर हुई बारिश के साथ तेज़ हवाएँ

इटावा में सबसे कम अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि हरदोई में 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया – दोनों सामान्य से लगभग 10 डिग्री कम दर्ज किया गया है। लखनऊ में, रात भर हुई बारिश के साथ तेज़ हवाएँ और आसमान में बादल छाए रहने से हवा में एक अलग ही ठंडक आ गई। शहर में अधिकतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया – जो अक्टूबर महीने में पिछले तीन वर्षों का एक नया रिकॉर्ड है।

आंशिक रूप से छा सकते बादल

मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 2024 में सबसे कम अधिकतम तापमान 31.2 डिग्री सेल्सियस, 2023 में 27.7 डिग्री सेल्सियस और 2022 में 24.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार के लिए मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आसमान में आमतौर पर बादल छाए रहेंगे और बाद में आंशिक रूप से बादल छा सकते हैं। दिन और रात का तापमान क्रमशः 30 डिग्री सेल्सियस और 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है।

दिन के तापमान में भारी गिरावट दर्ज

लगातार बादल छाए रहने के कारण राज्य के अन्य हिस्सों में भी दिन के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। बहराइच में 21.6 डिग्री सेल्सियस, फतेहगढ़ में 22.5 डिग्री सेल्सियस, शाहजहाँपुर में 23 डिग्री सेल्सियस और झांसी में 23 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना चक्रवाती तूफान मोन्था उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर आगे बढ़ा और मंगलवार सुबह एक भीषण चक्रवाती तूफान में बदल गया। मौसम विज्ञानियों ने बताया कि आंध्र प्रदेश के तट को पार करने के बाद, इसके धीरे-धीरे कमजोर होने और 29 से 31 अक्टूबर तक पूर्वोत्तर और पूर्वी उत्तर प्रदेश को प्रभावित करने की संभावना है।

बिहार तक पहुंचने लगा चक्रवाती तूफान मोंथा का असर

बंगाल की खाड़ी में बन रहे गंभीर चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ का असर अब बिहार तक पहुंचने लगा है। मौसम विज्ञान केंद्र, पटना ने राज्य के कई जिलों में अगले दो दिनों तक भारी बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार को जमुई, बांका, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, गया, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है।

बिहार में दो दिनों तक होगी झमाझम बारिश

इन इलाकों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवायें चलेंगी, जिससे पेड़ गिरने और जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है। मौसम विभाग ने गुरुवार, 30 अक्टूबर को राज्य के उत्तर- पश्चिमी हिस्सों में अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इस दिन पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, मधुबनी, सीतामढ़ी, दरभंगा और सुपौल जिलों में तेज बारिश के साथ वज्रपात और हवा के झोंके चलने की संभावना है।

कई जिलों में अलर्ट जारी

वहीं, वैशाली, सारण, मुजफ्फरपुर, सहरसा, बक्सर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और शिवहर जिलों में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम की ताज़ा जानकारी लेते रहें और आवश्यक न हो तो घर से बाहर निकलने से बचें।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, चक्रवात ‘मोंथा’ फिलहाल बंगाल की खाड़ी के उत्तर- पश्चिम हिस्से में सक्रिय है और पश्चिम- उत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है। इसके कारण न केवल बिहार, बल्कि झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी अगले 48 घंटे तक भारी बारिश की संभावना है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों को सतर्क किया है और आपातकालीन नियंत्रण कक्षों को सक्रिय कर दिया गया है।

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