उर्वरकों की कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
लखनऊ। उर्वरकों की कालाबाजारी रोकने के लिए अपर मुख्य सचिव डाक्टर देवेश चतुर्वेदी ने सख्त निर्देश दिये हैं। उन्होंने अधिक दामों पर बिक्री, जमाखोरी, कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ उर्वरक अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित आदेश, 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं।
सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि रबी की फसलों की बुआई का कार्य तेजी से किया जा रहा है, जिससे फास्फेटिक उर्वरकों की मांग कृषकों में तीव्र हुई है। इस कारण किसानों को संस्तुत मात्रा में गुणवत्तायुक्त उर्वरक निर्धारित दर पर उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि फास्फेटिक उर्वरकों की बिक्री कृषकों को निर्धारित मूल्य पर अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कराई जाय। किसी उर्वरक विक्रेता के अधिक मूल्य पर बिक्री करते पाये जाने पर उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिये गये हैं।
इसके साथ ही देवेश चतुर्वेदी ने निर्देशित किया है कि कहीं भी उर्वरक का अनावश्यक भंडारण पर सख्ती बरता जाए, जिससे कृषकों को कोई परेशानी न हो और वे आसानी से डीएपी ले सकें। इसके साथ ही किसानों को जागरूक करने के लिए भी कहा गया है कि सभी डीएपी में मानक के अनुरूप सभी तत्व पाये जाते हैं। इस कारण किसी भी डीएपी को लेने में उन्हें नुकसान नहीं होगा।