देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा के हालिया मामलों पर 100 से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और उनसे ‘नफरत की राजनीति’ को समाप्त करने का अनुरोध किया है। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई, दिल्ली के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के प्रमुख सचिव टीकेए नायर पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल हैं।
पीएम को लिखे पत्र में, उन्होंने देश की राजनीतिक स्थिति के बारे में चिंता जताई और कहा कि उनका मानना है कि “हम जिस खतरे का सामना कर रहे हैं वह अभूतपूर्व है और दांव पर सिर्फ संवैधानिक नैतिकता और आचरण नहीं है, यह अद्वितीय समकालिक सामाजिक ताना-बाना है। जो हमारी सबसे बड़ी सभ्यतागत विरासत है और जिसे हमारे संविधान को इतनी सावधानी से संरक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, उसके फटने की संभावना है। इस विशाल सामाजिक खतरे के सामने आपकी चुप्पी बहरा है।”
उन्होंने पीएम से नफरत की राजनीति को खत्म करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के आपके वादे को दिल से लेते हुए आपकी अंतरात्मा से अपील करते हैं। यह हमारी प्रिय आशा है कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के इस वर्ष में, पक्षपातपूर्ण विचारों से ऊपर उठकर, आप कॉल करेंगे नफरत की राजनीति को खत्म करने के लिए कि आपकी पार्टी के नियंत्रण वाली सरकारें इतनी मेहनत से काम कर रही हैं।”
पीएम मोदी की कोरोना पर अहम बैठक आज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में कोविड-19 की उभरती स्थिति पर बुधवार को अहम बैठक करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए होने वाली इस बैठक में देश में कोरोना के हालात पर चर्चा होगी। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण मामले पर एक प्रेजेंटेशन भी देंगे। यह बैठक ऐसे वक्त हो रही है, जब देश में कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं।