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आजम खान के ‘जानी दुश्मन’ की रामपुर से जीत, सपा के आसिम रजा को चटाई धूल

उत्तर प्रदेश के रामपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती लगभग खत्म हो चुकी है. आजम खान के गढ़ में बीजेपी ने कब्जा कर लिया है. जहां से बीजेपी उम्मीदवार आकाश सक्सेना ने सदर सीट से शानदार जीत दर्ज की है. उन्होंने रामपुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आसिम रजा को 25 हजार वोटों से हराया है. हालांकि, अभी औपचारिक ऐलान आना बाकी है. गौरतलब है कि, आजम खान की विधायकी में संकट उत्पन्न करने में आकाश सक्सेना का अहम योगदान माना जाता है.

दरअसल, रामपुर सीट से बीजेपी के उम्मीदवार आकाश सक्सेना पेशे से कारोबारी है और पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के बेटे हैं. उन्होंने ही आजम के खिलाफ केस दर्ज करवाया था. जिसका फैसला आने के बाद आजम की सदस्यता को समाप्त कर दिया गया. अब्दुल्ला आजम की फर्जी डिग्री केस में उनकी विधानसभा सदस्यता को समाप्त करवाने में भी बड़ी भूमिका निभा चुके हैं. आकाश छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं. उसके बाद कारोबार में सक्रिय हुए. वह आईआईए के लंबे समय तक चेयरमैन भी रहे हैं. बता दें कि, बीजेपी ने उन्हें पश्चिमी यूपी के लघु उद्योग प्रकोष्ठ का संयोजक भी बनाया था.

जानिए कौन है आकाश सक्सेना?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आकाश आजम और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज 43 मुकदमों में सीधे पक्षकार हैं. आकाश सक्सेना की आजम परिवार से लड़ाई साल 2018 में अब्दुल्ला के फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट मामले से शुरू हुई थी,जो आजम की विधायकी जाने तक जारी है.उनके पिता शिव बहादुर सक्सेना रामपुर की स्वार टांडा विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट से चार बार विधायक रह चुके हैं. वह कल्याण सिंह सरकार में मंत्री भी थे. उनका कल्याण सिंह, अटल बिहारी वाजपेई और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे बीजेपी नेताओं से अच्छे रिश्ते थे.

आजम खान ने जेल में रहते जीती थी रामपुर सीट

गौरतलब है कि, बीजेपी ने आकाश सक्सेना को बीते विधानसभा चुनाव में रामपुर से टिकट दिया था. आकाश सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के खिलाफ चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. आजम खान ने जेल में रहते हुए रामपुर सीट से चुनाव जीता था. वहीं,रामपुर उपचुनाव में बीजेपी से टिकट मिलने के बाद उम्मीदवार आकाश सक्सेना ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि वह सबके साथ और सबके विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे.

दूसरी बार रामपुर विधानसभा सीट पर हुआ उपचुनाव

रामपुर विधानसभा सीट पर दूसरी बार उपचुनाव होगा. पहली बार उपचुनाव 2019 में हुआ था. उस वक्त आजम खान ने विधायक रहते हुए लोकसभा का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा ने जीत हासिल की थी.

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