CM ममता बनर्जी करेंगी काशी में रोड शो, निशाने पर रहेंगे पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीएम ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी चुनाव नहीं लड़ रही है, लेकिन उसके बाद भी ममता बनर्जी की पूरी निगाहें यूपी चुनाव पर लगी हुई हैं. ममता विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को सर्पोट कर रही है. लखनऊ में अखिलेश यादव के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के बाद ममता बनर्जी 3 मार्च को बनारस में सभा और रोड-शो करने जा रही हैं.
ममता के रोड शो को लेकर सपा ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. सोमवार को कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता किरणमय नंदा और युवजन सभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास यादव भी सोमवार को वाराणसी पहुंच रहे हैं. यहां पहुंचने के बाद कार्यकर्ताओं से बातचीत कर वो ममता के कार्यक्रम की पूरी तैयारी की जाएगी.
दरअसल ममता के बनारस में रोड शो करने के कई मायने निकाले जा रहे हैं. बनारस पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है. ऐसे में ममता यहां रोड शो कर सीधे पीएम मोदी को चुनौती देने की तैयारी कर रही हैं. इसे पहले बंगाल चुनाव में पीएम मोदी ने ममता बनर्जी के गढ़ में जाकर उन्हें चैलेंज किया था. अब उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी पीएम मोदी के गढ़ में पहुंचकर उन्हें चैलेंज करने की तैयारी कर रही है.
ममता ने साधा था सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना
इससे पहले ममता बनर्जी ने लखनऊ में अखिलेश यादव के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा था. लखनऊ से उन्होंने उत्तर प्रदेश में खेला होबे का नारा देते हुए वाराणसी आने की घोषणा भी की थी. ममता बनर्जी ने वाराणसी में जनसभा के साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर में दीया जलाने की बात कही थी. इस दीया का भी एक संकेत है.
डोर टू डोर जनसंपर्क करने की तैयारी में ममता
ममता बनर्जी बंगाल के वोटर्स को साधने के साथ ही बीजेपी के सबसे मजबूत किले वाराणसी दक्षिणी में सेंधमारी की कोशिश करेंगी. वाराणसी दक्षिणी ही वो इलाका है जहां बड़ी संख्या में बंगाली समाज के लोग रहते हैं. माना जा रहा है कि इन इलाकों में ममता डोर टू डोर जनसंपर्क भी कर सकती हैं. बता दें कि वाराणसी दक्षिणी से लगातार सात बार बीजेपी के विधायक रहे श्यामदेव राय चौधरी भी बंगाली कम्युनिटी से ही आते हैं. पिछली बार उनका टिकट काटकर बीजेपी ने नीलकंठ तिवारी को मैदान में उतार दिया था. नीलकंठ ने जीत हासिल की और मंत्री भी बने. इस बार भी नीलकंठ ही बीजेपी से मैदान में हैं.