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भारतीय वायुसेना ने बताया है कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 14 लोगों की जिस हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हुई थी, उस मामले की जांच के बाद शुरुआती जानकारी सामने आ गई है. वायुसेना ने बताया है कि आठ दिसंबर 2021 को Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर दुर्घटना की ट्राई-सर्विस जांच ने अपने शुरुआती नतीजों में फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का एनालिसिस किया. इसमें कहा कि इस हेलिकॉप्टर दुर्घटना के पीछे मैकेनिकल फेलियर, तोड़फोड़ या लापरवाही का हाथ नहीं है.
प्रारंभिक नतीजों के मुताबिक, घाटी में मौसम की स्थिति में अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिला, जिसकी वजह से हेलिकॉप्टर बादलों के बीच जाकर फंस गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया. बादलों की वजह से पायलट को दिशाभ्रम हो गया और हेलिकॉप्टर अनियंत्रित होकर जमीन से जा टकराया. जांच दल ने दुर्घटना के सबसे संभावित कारण का पता लगाने के लिए सभी उपलब्ध गवाहों से पूछताछ की. इसके अलावा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का एनालिसिस किया गया. अपने नतीजों के आधार पर, कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने कुछ सिफारिशें की हैं जिनकी समीक्षा की जा रही है.
हेलिकॉप्टर नियंत्रण में रहने के बाद भी हुआ क्रैश
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में ट्राई-सर्विस जांच दल द्वारा दुर्घटना के पीछे की आधिकारिक वजह की जानकारी दी गई है. 5 जनवरी को उन्होंने जांच के निष्कर्षों से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) को अवगत कराया था. बताया गया है कि तमिलनाडु के कून्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ हेलिकॉप्टर पूरी तरह से पायलट के नियंत्रण में था. लेकिन बादलों की वजह से ये उसके नियंत्रण में होते हुए भी क्रैश हो गया. यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, ऐसी दुर्घटनाओं में पायलट या क्रू मेंबर्स खतरे से अनजान होते हैं.
आठ दिसंबर को हुआ था हादसा
बता दें कि 8 दिसंबर को सीडीएस रावत उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य सेना के जवान सुलूर एयरबेस से वेलिंगटन एयरबेस के लिए हेलिकॉप्टर में सवार हुए. हेलिकॉप्टर के अपने गंतव्य तक पहुंचने के कुछ मिनट पहले सुलूर एयरबेस कंट्रोल रूम का हेलिकॉप्टर से संपर्क टूट गया. इसके बाद हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी सामने आई. दुर्घटना से पहले स्थानीय लोगों द्वारा रिकॉर्ड किए गए हेलिकॉप्टर के वीडियो से पता चला था कि हेलिकॉप्टर कम ऊंचाई पर उड़ रहा था और बादल के बीच था. दुर्घटना में मारे गए 13 अन्य लोगों में ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शामिल थे.