देश में कोरोना की तीसरी लहर जोर पकड़ती जा रही है. कई राज्यों में मामले आउट ऑफ कंट्रोल जाते नजर आ रहे हैं. इनमें केरल, कर्नाटक जैसे राज्यों का नाम शामिल हैं. इन राज्यों में कोरोना के मामले दिल्ली और महाराष्ट्र से भी ज्यादा आ रहे हैं. ताजा आकंड़ों के मुताबिक केरल और कर्नाटक में गुरुवार को 46-47 हजार से ज्यादा कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए हैं. राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए आकंड़ों के मुताबिक गुरुवार को केरल कोरोना में 46387 नए मामले सामने आए हैं जबकि 15388 लोग ठीक हो गए हैं. इसके अलावा 32 लोगों की मौत हो गई है.
वहीं केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के बाद मृतकों की लिस्ट में 309 लोगों के नाम और शामिल हो गए हैं जिसके बाद कुल मौतों का आंकड़ा 51,501 हो गया है. वहीं राज्य में ओमिक्रॉन के 62 नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद राज्य में ओमिक्रॉन संक्रमितों का आंकड़ा 707 पहुंच गया है. कर्नाटक में भी गुरुवार को कोरोना के 47754 नए मामले सामने आए हैं जबकि 22143 लोग ठीक हो गए हैं. इसके अलावा 29 लोगों की मौत हो गई है. इसी के साथ राज्य में पॉजिटिविटी रेट 18.48 फीसदी है जबकि एक्टिव मामलों की संख्या 293231 पहुंच गई है.
क्या है बाकी राज्यों का हाल?
अब बात उन राज्यों की करते हैं जहां तीसरी लहर की शुरुआत में कोरोने ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया. गुरुवार को मुंबई में 5708 नए मामले दर्ज किए है जबकि 12 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा 15440 लोग ठीक भी हुए. यहां पर अब एक्टिव मामलों की संख्या 22103 हो गई है. वहीं दिल्ली में भी पहले के मुकाबले कम नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं. यानी साफ है कि इन राज्यों में कोरोना की स्थिति अब सुधर रही है. इसके अलावा गुरुवार को असम में कोरोना के 7929 नए मामले सामने आए हैं. वहीं गुजरात में 24485 और हिमाचल में 2368 नए मामले सामने आए. गुजरात में एक्टिव केस का आंकड़ा 1 लाख के पार पहुंच गया है. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि दिल्ली-महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य एक्टिव केसों के मामले में टॉप 10 राज्यों में शामिल हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि वर्तमान में विश्व में कोविड की चौथी लहर देखी जा रही है. पिछले 1 सप्ताह में प्रतिदिन 29 लाख मामले दर्ज़ किए गए. पिछले 4 सप्ताह में अफ्री राजेश भूषण ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश ‘चिंता के राज्यों’ में शामिल हैं. हमने इन राज्यों में केंद्रीय स्वास्थ्य दल भेजे हैं और स्थिति की लगातार समीक्षा कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा है कि कोविड की दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में सक्रिय मामलों की तुलना में होने वाली मृत्यु बहुत घट गई हैं. दूसरी लहर के दौरान वैक्सीनेटिड आबादी 2 फीसदी थी, अब तीसरी लहर के दौरान वैक्सीनेटिड आबादी 72 फीसदी है.