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वायु प्रदूषण से बेहाल हुआ बीजिंग, हाइवे बंद और विजिबिलिटी हुई बेहद कम, चारों ओर छाया घना कोहरा

चीन की राजधानी बीजिंग में वायु प्रदूषण का भयानक असर देखने को मिल रहा है. बीजिंग में शुक्रवार को विजिबिलिटी 200 मीटर से कम हो गई. प्रदूषण की वजह से कुछ हाइवे को बंद करना पड़ा है. बीजिंग ने गुरुवार को सर्दियों के लिए अपना पहला प्रदूषण अलर्ट जारी किया. इसके तहत बाहरी निर्माण गतिविधियों, फैक्ट्रियों के ऑपरेशन और बाहरी स्कूल गतिविधियों को सस्पेंड कर दिया गया है. विजिबिलिटी बेहद ही कम हो गई है, जिस वजह से शहर की सबसे ऊंची इमारत को कोहरे से ढके हुए देखा जा सकता है. बीजिंग की हवा बेहद ही खराब हो चुकी है.

बड़े-बड़े कारखानों से गढ़ बीजिंग-तियानजिन-हेबेई क्षेत्र (Beijing-Tianjin-Hebei region) अक्सर पतझड़ और सर्दियों में भारी धुंध की चपेट में आ जाता है. ये धुंध तब और बढ़ जाती है, जब हवा नहीं चलती है. इस वीकेंड में साइबेरिया से आने वाली शीत लहर से प्रदूषण के छटने की आशंका है. पर्यावरण मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि चीन का टारगेट मुख्य शहरों में इस साल सर्दियों में औसतन 4 फीसदी की औसत से पीएम 2.5 के रूप में जाने जाने वाले खतरनाक, छोटे हवाई कणों की सांद्रता में कटौती करना है. बीजिंग में अमेरिकी दूतावास के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में पीएम 2.5 का स्तर शुक्रवार को 234 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के उच्च स्तर पर पहुंच गया.

औद्योगीकरण की वजह से बढ़ा वायु प्रदूषण

चीन ने कहा कि इस हफ्ते की शुरुआत में उसने ऊर्जा की कमी से निपटने के लिए दैनिक कोयला उत्पादन (Coal Production) में दस लाख टन से अधिक का इजाफा किया. ऊर्जा संकट की वजह से चीन (Energy Crisis in China) में कारखानों को बंद करना पड़ा. चीन में तेजी से हुए औद्योगीकरण की वजह से वायु प्रदूषण का प्रकोप देखने को मिला है. हालांकि, हाल के सालों में धुंध का असर कम हो गया था, क्योंकि अधिकारियों ने वातावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता दी. बीजिंग ने 2030 तक प्लैनेट-हीटिंग कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को चरम पर लाने और उन्हें 2060 तक नेट-जीरो तक कम करने का संकल्प लिया है.

शीतकालीन ओलंपिक का आयोजन करने वाले है चीन

पर्यावरण मंत्रालय ने सितंबर में कहा था कि प्रदूषण के खिलाफ चीन का पूरा 2021-22 शीतकालीन कैंपेन औद्योगिक, धुंध वाले उत्तर के 64 शहरों में चलाया जाएगा. चीन 4-20 फरवरी को बीजिंग (Beijing) और पास के शहर झांगजियाकौ (Zhangjiakou) में शीतकालीन ओलंपिक (Beijing Winter Olympics) की मेजबानी करने वाला है. चीन अपनी ऊर्जा का लगभग 60 फीसदी कोयले को जलाने से उत्पन्न करता है. कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus) से उबरने के बाद चीन में औद्योगीकरण की रफ्तार तेज हुई और देश में ऊर्जा संकट भी खड़ा हो गया.

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