उत्तर प्रदेशलखनऊ

जीका संक्रमित के सम्पर्क में आये लोगों की ट्रेसिंग शुरू, एक और संक्रमित की पुष्टि

लखनऊ। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में जीका वायरस संक्रमित मरीजों के मिलने से स्वास्थ विभाग ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। शुक्रवार को लखनऊ में एक और जीका संक्रमित मरीज की पुष्टि होने के बाद शहर में संक्रमितों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। इसकी पुष्टि महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, डॉ. वेद व्रत सिंह ने की।

ज्ञात हो कि पिछले दिनों कानपुर और कन्नौज के बाद लखनऊ में गुरुवार को जीका वायरस से दो लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमित मरीजों के सम्पर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग की जा रही है। इसके अलावा कानपुर और कन्नौज से आने वाले लोगों पर भी खास नजर रखी जा रही है।

अधिकारिक जानकारी के मुताबिक कल जिन दो लोगों में इस वायरस का संक्रमण मिला था उनमें से एक हुसैनगंज और दूसरा कानपुर रोड स्थित एलडीए कॉलोनी के रहने वाले हैं। वहीं शुक्रवार को राजधानी के लालकुआं इलाके में एक और संक्रमित मिला है। जानकारी मिलने के बाद से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इन क्षेत्रों में सैम्पल लेना शुरू कर दिया है।

लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा मनोज अग्रवाल ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नगर निगम और मलेरिया इकाई तालमेल बैठकर के जहां संक्रमित मरीज मिले हैं वहां एंटी लार्वा का छिड़काव और फॉगिंग किया जाए। इस बीच राजधानी में जीका वायरस के मामले आने के बाद स्वास्थ विभाग ने निर्णय लिया है कि जो भी संक्रमित मिलेगा उसके घर से 400 मीटर तक के दायरे में रहने वाले लोगों की जांच की जाएगी। इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को राजधानी के विभिन्न इलाक़ों में 945 घरों का सर्वे किया। साथ ही संक्रमितों के संपर्क में आए 106 लोगों के नमूने लेकर जांच को भेजा गया है।

उल्लेखनीय है कि जीका वायरस एडीज एजिप्टी नाम की प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलता है। डबल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मच्छर आमतौर पर दिन के समय काटते हैं। एडीज मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारी भी फैलाते हैं। बता दें कि ज्यादातर लोगों के लिए जीका वायरस कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन यह गर्भवती महिलाओं के लिए, खासकर भ्रूण के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

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