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प्रियंका के ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ पर स्मृति ईरानी का तीखा हमला, बोलीं- घर पर लड़का है पर लड़ नहीं सकता

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी जोर आजमाइश में लगी हुई हैं। इसी बीच केंद्रीय मंत्री और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को परास्त करने वाली स्मृति ईरानी ने प्रियंका गांधी वाड्रा के ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ वाले नारे पर तीखा हमला बोला।

प्रियंका के नारे पर स्मृति का तंज

स्मृति ईरानी ने कहा कि प्रियंका के नारे का मतलब ‘घर पर लड़का है पर लड़ नहीं सकता है’। दरअसल, प्रियंका गांधी वाड्रा ने कुछ वक्त पहले कहा था कि उत्तर प्रदेश में इस बार कांग्रेस पार्टी 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देगी। इसी दौरान उन्होंने लड़की हूं, लड़ सकती हूं वाला नारा भी दिया था।

2014 में चुनाव हारी थीं स्मृति ईरानी

एक हिन्दी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में स्मृति ईरानी ने कहा कि इसका अर्थ यह है कि वह कह रही हैं कि वह महिलाओं को 60 प्रतिशत टिकट नहीं देना चाहती हैं। इसी बीच स्मृति ईरानी ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मिली हार का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कह रही कि राजनीति और लोकतंत्र में लोगों को कोशिश नहीं करनी चाहिए। जीत और हार राजनीति का हिस्सा है। मैं भी 2014 में हार गई थी लेकिन सवाल यह है कि लोगों का आपके प्रयासों पर कितना विश्वास है।

गौरतलब है कि प्रियंका गांधी ने कहा था कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए मैं उत्तर प्रदेश आई थी। इस दौरान मैंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुछ लड़कियों से मुलाकात की थी। उस दौरान उन्होंने बताया कि किस तरह से विश्वविद्यालय के नियम-कानून उनके लिए अलग थे और पुरुषों के लिए अलग थे। ऐसे में हमने यह निर्णय उनके लिए लिया है।

उन्होंने कहा था कि हमने यह निर्णय उस महिला के लिए लिया है जिसने गंगा यात्रा के दौरान मेरी गांव को तट पर वापस बुलाकर कहा कि मेरे गांव में पाठशाला नहीं है और मैं अपने बच्चों को पढ़ाना चाहती हूं। यह निर्णय प्रयागराज की लड़की पारो के लिए लिया है, जिसने मेरा हाथ पकड़कर कहा कि दीदी मैं बड़ी होकर नेता बनना चाहती हूं।

Lokesh Tripathi

पूरा नाम - लोकेश कुमार त्रिपाठी शिक्षा - एम०ए०, बी०एड० पत्रकारिता अनुभव - 6 वर्ष जिला संवाददाता - लाइव टुडे एवम् न्यूज़ इंडिया टीवी न्यूज़ चैनल एवं हिंदी दैनिक समाचारपत्र "कर्मक्षेत्र इंडिया" उद्देश्य - लोगों को सदमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना। "पत्रकारिता सिर्फ़ एक शौक" इच्छा - "ख़बरी अड्डा" के माध्यम से "कलम का सच्चा सिपाही" बनना।

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