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डिजिटल चुनाव प्रचार में भाजपा सबसे आगे

चुनाव आयोग के फैसले के बाद इस बार चुनाव में डिजिटल माध्यम के जरिए चुनावी प्रचार सभी राजनीतिक पार्टियां जोरों शोरों से कर रही है । पार्टियां डिजिटल दुनिया में अपनी स्थिति को मजबूत कर रही हैं। और कई पार्टियों ने अपने आईटी सेल मजबूत करना शुरू कर दिया हैं। फिलहाल और पार्टियों के मुकाबले डिजिटल मामले मामले में बीजेपी मजबूत दिख रही है।

  • डिजिटल प्लेटफार्म पर सभी राजनीतिक दलों को दे रही टक्कर
  • बसपा सबसे फिसड्डी साबित हो रही

उत्तर प्रदेश चुनाव में इस बार चुनाव आयोग ने एक नया नियम जारी किया है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने फैसला किया है कि 11 फरवरी तक किसी भी पार्टी द्वारा कोई जनसभा, पदयात्रा, साइकिल रैली, बाइक रैली रोड शो की अनुमति नहीं होगी। चुनाव आयोग के आदेश के बाद सभी राजनीतिक पार्टियां डिजिटल चुनाव प्रचार के साथ-साथ डोर टू डोर कैंपेन कर रहे हैं।

चुनाव आयोग ने नियमों का फायदा उठा रही बीजेपी

चुनाव आयोग के फैसले के बाद इस बार चुनाव में डिजिटल माध्यम के जरिए चुनावी प्रचार सभी राजनीतिक पार्टियां जोरों शोरों से कर रही है । पार्टियां डिजिटल दुनिया में अपनी स्थिति को मजबूत कर रही हैं। और कई पार्टियों ने अपने आईटी सेल मजबूत करना शुरू कर दिया हैं। फिलहाल और पार्टियों के मुकाबले डिजिटल मामले मामले में बीजेपी मजबूत दिख रही है। इसका लाभ तब से मिलना शुरू हुआ है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पहले ही डिजिटल को बढ़ावा देने के लिए लोगों से अपील की थी। और भारतीय जनता पार्टी तभी से डिजिटल माध्यम से चुनाव प्रचार को लेकर तैयारियों में लगा हुआ है। फिलहाल बीजेपी वर्चुअल रैलियों के लिए 3D तकनीक का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है, वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस लोगों तक डोर टू डोर के साथ साथ लोगों तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया पर भरोसा कर रही है। लेकिन सोशल मीडिया पर बीजेपी की पकड़ सबसे मजबूत दिख रहा है।

चुनाव के प्रचार प्रसार के लिए पार्टियों की तैयारियां


बीजेपी की तैयारियां

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से तैयार दिखाई दे रही है। सोशल मीडिया से लेकर लोगों के बीच तक अपनी तैयारियों में लगा हुआ हैं। पार्टी के पास पहले से ही बूथ स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप , ट्विटर हैंडल बनाए गए हैं। जिसका उपयोग इस समय वर्चुअल रैलियों को आयोजित करने के लिए किया जा रहा है । भाजपा के पास स्थानीय स्तर पर प्रचार के लिए वार रूम भी तैयार किए गए हैं । हर जिले से इस वार रूम के जरिए मानिटरिंग की जाती है। वही के लोगों के बीच में डोर टू डोर जाकर चुनाव प्रचार करने के बात करें बूथ स्तर पर कार्यकर्ता बनाए गए हैं जो डोर टू डोर जाकर लोगों से संवाद कर पार्टी के किए गये कार्यों को गिना रहे हैं।

समाजवादी पार्टी की तैयारियां

चुनाव आयोग के निर्देश के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव मतदाताओं तक पहुंचने के लिए वर्चुअल रैलियों की योजना बना रहे हैं। सपा के विभिन्न इकाइयों द्वारा बूथ स्तर पर मीटिंग की जा रही है। वही हर बूथ पर एक कार्यकर्ता बनाया जा रहा है जो व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए लोगों को जोड़ेगा और पार्टी के कार्यों को लोगों तक पहुंचाने का कार्य करेगा। हालांकि अभी समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा कई जिलों में डोर टू डोर चुनाव प्रचार होता नहीं दिखाई दे रहा है। अभी पार्टी फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब के जरिए लोगों तक पहुंच रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी की तैयारियां

कांग्रेस पार्टी की तैयारियों की बात करें तो बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए पार्टी ने अपने सारे चुनावी रैलियों को रद्द करने का निर्णय लिया था। पार्टी वर्चुअल माध्यम से लोगों के बीच में जा रही है। वहीं दूसरी तरफ अपने सारे स्टार प्रचारकों को प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों में भेजकर प्रेस कॉन्फ्रेंस और डोर टू डोर कैंपेन कराने का कार्य कर रही है। पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अपने वर्चुअल प्रचार की शुरुआत पार्टी के फेसबुक ट्विटर एवं अन्य सोशल मीडिया हैंडल पर ‘प्रियंका के साथ लाइव कार्यक्रम में पार्टी लाइव सत्र आयोजित कर रही है जहां कांग्रेस महासचिव लोगों के साथ बातचीत करती हैं।

बहुजन समाज पार्टी की तैयारियां

बहुजन समाज पार्टी की बात करें तो अन्य पार्टियों की तुलना में वर्चुअल और सोशल मीडिया पर यह पार्टी पिछड़ी दिखाई दे रही है । बसपा के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्र वर्तमान में लाइव रैलियां करने के लिए फेसबुक का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन पार्टी के अपने प्रतिद्वंदी दलों द्वारा अपनाई गई रणनीति का टक्कर देता नही दिखाई दे रहा है। फिलहाल अभी पार्टी की तैयारियां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए प्रचार प्रसार करने की योजना बनाई जा रही है लेकिन जमीनी स्तर पर इस पार्टी की तैयारियां नहीं दिखाई दे रही है।

Saurabh Bhatt

सौरभ भट्ट पिछले दस सालों से मीडिया से जुड़े हैं। यहां से पहले टेलीग्राफ में कार्यरत थे। इन्हें कई छोटे-बड़े न्यूज़ पेपर, न्यूज़ चैनल और वेब पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क पर काम करने का अनुभव है। इनकी हिन्दी और अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छी पकड़ है। साथ ही पॉलिटिकल मुद्दों, प्रशासन और क्राइम की खबरों की अच्छी समझ रखते हैं।

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