उत्तर प्रदेशलखनऊ

आरडीएसएस की मदद से उप्र की विद्युत व्यवस्था को और सुदृढ़ करेगी योगी सरकार

  • -योगी सरकार ने 12 से 15 प्रतिशत वाणिज्यिक हानियों को कम करने का तय किया है लक्ष्य
  • -लाइन लॉस रोकने के लिए प्रदेश के सभी डिस्कॉम को आवंटित किए गए 13632.24 करोड़

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी की विद्युत व्यवस्था को और समृद्ध करने के लिए बिजली उत्पादन और वितरण के साथ-साथ लाइन लॉस को भी कम करने पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके लिए राज्य सरकार ने भारत सरकार की रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) को माध्यम बनाया है। आरडीएसएस के अंतर्गत विद्युत वितरण क्षेत्र की लाइन हानि (एटीएंडसी लॉसेस) को कम करने के साथ-साथ विद्युत प्रणाली सुधार व नवीनीकरण का भी प्रावधान है। भारत सरकार द्वारा डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियों) की आपूर्ति के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। योजना का क्रियान्वयन 2025-26 तक किया जाना है।

पांचों डिस्कॉम को 13632.24 करोड़ प्रदान किए गए

इस योजना के अंतर्गत यूपी के सभी पांचों डिस्कॉम को लाइन हानि रोकने के लिए 29 पैकेजेज प्रदान किए गए हैं। इनके माध्यम से 13632.24 करोड़ रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। इस धनराशि से सभी पांचों डिस्कॉम में प्रोजेक्ट वर्क की शुरुआत भी हो चुकी है। इसके अंतर्गत पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के आठों कलस्टर के लिए 3842.41 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की जा रही है, जबकि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के सातों कलस्टर के लिए 3303.70 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है। वहीं पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के छह कलस्टर के लिए 2764.33 करोड़, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के सातों कलस्टर को 3247.07 करोड़ रुपये का प्रावधान है। इसके अलावा केस्को कानपुर को 474.73 करोड़ आवंटित किए गए हैं।

12 से 15 प्रतिशत तक कम करनी है तकनीकी व वाणिज्यिक हानियां

केंद्र की आरडीएसएस योजना के मुताबिक 2024-25 तक तकनीकी व वाणिज्यिक हानियों को 12 से 15 फीसदी तक कम करना है। 2024-25 तक औसत आपूर्ति लागत-औसत राजस्व वसूली (एसीएस-एआरआर) अंतर को शून्य करना है। विद्युत वितरण तंत्र का सुदृढ़ीकरण व नवीनीकरण करना है। इसके साथ ही विद्युत वितरण क्षेत्र में उपभोक्ताओं को व्यवधान रहित गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति की जानी है।

डिस्कॉम में हो चुकी है पीएमए की नियुक्ति

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार इस कार्य को सुचारू रूप से संपादित करने के लिए सभी डिस्कॉम में पीएमए की नियुक्ति की जा चुकी है। वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए फीडर व वितरण परिवर्तक स्तर पर सिस्टम मॉनीटरिंग के लिए 28 मार्च 2022 में ही 18885.24 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। वहीं ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में विद्युत प्रणाली के सुदृढ़ीकरण व हानियों को कम करने के लिए 16498.61 करोड़ के कार्य की स्वीकृति मिल चुकी है। साथ ही लॉस रिडक्शन के कार्यों के लिए कार्यदायी संस्थाओं की नियुक्ति की जा चुकी है। मीटरिंग के कार्यों के लिए निविदा का कार्य अभी प्रक्रियाधीन है।

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