रूस l ने दावा किया कि यूक्रेन के केमिकल वेपन है और वह अपने यहां पर बायोलॉजिकल लैब्स चला रहा है. मॉस्को के दावे पर शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक हुई. इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के प्रतिनिधि ने कहा कि यूक्रेन के पास बायोलॉजिकल वेपन प्रोग्राम नहीं है. यूक्रेन में अमेरिका के समर्थन से चलने वाली एक भी बायोलॉजिकल लैब्स नहीं हैं. ऐसी कोई भी लैब रूस की सीमा या उसके आस-पास नहीं है.
अमेरिका ने कहा, रूस ने UNSC से इस बैठक का आयोजन सिर्फ इसलिए किया, ताकि वह यहां पर झूठ और गलत सूचनाओं को फैला सके. रूस यूक्रेन के खिलाफ राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध के फैसले को सही ठहराने के लिए गलत सूचना को वैध बना रहा है. साथ ही वह लोगों को धोखा देने के लिए UNSC का इस्तेमाल करने का प्रयास कर रहा है. इसने संयु्क्त राष्ट्र में कहा कि चीन भी रूस के समर्थन में दुष्प्रचार फैला रहा है. दरअसल, यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की शुरुआत होने के बाद से ही चीन लगातार रूस का समर्थन करता हुआ नजर आ रहा है.
रूस ने क्या कहा था?
दरअसल, रूस ने दावा किया था कि यूक्रेन अमेरिका की मदद से केमिकल और बायोलॉजिकल लैब्स चला रहा है. रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने दावा किया था कि यूक्रेन, अमेरिका की मदद से केमिकल और बायोलॉजिकल लैब्स को ऑपरेट कर रहा है. हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने पहले ही इन दावों को खारिज किया है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा था कि रूस के दावे अनर्गल हैं. उन्होंने बुधवार को चेतावनी दी थी कि रूस, यूक्रेन के खिलाफ केमिकल या बायोलॉजिकल वेपन का इस्तेमाल करने की कोशिश कर सकता है. साकी ने ट्वीट किया था, ये रूस द्वारा यूक्रेन पर अपने पूर्व नियोजित, अकारण और अनुचित हमले को सही ठहराने का एक हथकंडा मात्र है.
25 लाख लोगों ने यूक्रेन छोड़ा
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 15 दिनों से युद्ध चल रहा है. इस युद्ध की वजह से अभी तक लाखों की संख्या में लोगों को विस्थापित होना पड़ा है. प्रवासियों की अंतरराष्ट्रीय संस्था का कहना है कि यूक्रेन पर दो सप्ताह पहले हुए रूसी हमले के बाद से करीब 25 लाख लोगों ने देश छोड़ा है. अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) के प्रवक्ता पॉल डिल्लन ने एक संदेश में कहा कि सरकारों से मिली यह संख्या शुक्रवार सुबह तक देश छोड़ने वालों की है. उन्होंने बताया कि 15 लाख से ज्यादा शरणार्थी पड़ोसी देश पोलैंड में गए हैं और करीब 1,16,000 शरणार्थी अन्य देशों के नागरिक हैं.