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आसनसोल से शत्रुघ्न सिन्हा, बालीगंज में बाबुल सुप्रियो ने दर्ज की जीत

कोलकाता। पश्चिम बंगाल उपचुनाव में आसनसोल लोकसभा सीट से तृणमूल नेता शत्रुघ्न सिन्हा और बालीगंज विधानसभा सीट से बाबुल सुप्रियो ने शानदार जीत दर्ज की है। शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने निकटवर्ती भाजपा उम्मीदवार अग्निमित्र पॉल को तीन लाख से अधिक मतों के अंतर से मात दी है, जबकि बाबुल सुप्रियो ने प्रतिद्वंद्वी माकपा उम्मीदवार सायरा शाह हलीम को 20 हजार से अधिक अंतर से हराया है। हालांकि महानगर कोलकाता में माकपा उम्मीदवार हलीम को करीब 39000 वोट मिले हैं जो पार्टी को उत्साहित करने वाले हैं।

76 वर्षीय शत्रुघ्न सिन्हा ने उपचुनाव में लोकसभा सीट से जीत दर्ज करते तृणमूल की झोली में पहली बार यह सीट डाल दी है। इसके साथ ही, बिहार में पटना साहिब से 2019 के लोकसभा चुनाव में हारने के तीन साल बाद शत्रुघ्न सिन्हा की लोकसभा में वापसी होनी है। खास बात यह है कि 2011 में पश्चिम बंगाल की सत्ता पर ममता बनर्जी के आरूढ़ होने के बाद यह पहली बार हुआ है जब आसनसोल संसदीय क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस पहली बार जीत दर्ज करने में सफल रही है।

2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में इसी सीट पर भाजपा के टिकट पर बाबुल सुप्रियो ने चुनाव जीता था लेकिन 2021 में विधानसभा चुनाव के समय भाजपा पूरे बंगाल में हार चुकी थी। उसके बाद मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार के समय बाबुल सुप्रियो को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने तृणमूल की सदस्यता ले ली थी। इसके साथ ही सुप्रियो ने संसद से इस्तीफा दे दिया था जिसकी वजह से यहां उपचुनाव हुआ है। बाबुल सुप्रियो से पहले यहां वाममोर्चा का कब्जा था। अब पहली बार तृणमूल कांग्रेस यहां से परचम लहरा चुकी है। आसनसोल संसदीय सीट पर कब्जा बरकरार रखना भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी चुनौती थी जिसमें भाजपा विफल रही है।

शनिवार को सामने आए चुनाव परिणामों के मुताबिक शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने निकटवर्ती भाजपा उम्मीदवार अग्निमित्र पॉल के मुकाबले तीन लाख 534 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। चुनाव आयोग की ओर से अपडेटेड आंकड़ों के मुताबिक शत्रुघ्न सिन्हा को छह लाख 52 हजार 586 लोगों ने मतदान किया था जबकि अग्निमित्र पॉल को महज तीन लाख 52 हजार 083 लोगों ने वोट किया है। तीसरे नंबर पर माकपा के उम्मीदवार पार्थ मुखर्जी रहे। उन्हें 89 हजार 864 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार प्रसनजीत पुतंडी को 14 हजार 885 वोट मिले हैं। कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत जब्त हुई है।

जीत के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने ममता बनर्जी का आभार जताया और कहा कि यह जीत हमारे कार्यकर्ताओं की है हमारे नेताओं की है, आसनसोल के लोगों की है। उन्होंने कहा कि लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को सही सबक सिखाया है। अपनी कोयला खदानों, इस्पात उद्योगों और चित्तरंजन इंजनों के लिए जाना जाने वाला एक औद्योगिक क्षेत्र, पश्चिम बर्दवान जिले में आसनसोल 2011 की जनगणना के अनुसार, कोलकाता के बाद पश्चिम बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा और सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। आसनसोल के लगभग 15 लाख मतदाता कोयला खदान में काम करने वाले, कारखाने में काम करने वाले और छोटे व्यवसायी हैं। लगभग 45 प्रतिशत मतदाता हिंदी बोलते हैं और झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं। इस क्षेत्र में भी लगभग 15 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी है।

फिल्मों में अपने, संवाद अदायगी के लिए प्रशंसकों द्वारा लोकप्रिय रूप से ”शॉटगन” कहे जाने वाले शत्रुघ्न सिन्हा, जो भाजपा में अपने चार दशक के लंबे कार्यकाल और कांग्रेस में एक संक्षिप्त पारी के बाद तृणमूल में शामिल हुए थे। आसनसोल लोकसभा क्षेत्र अस्सी के दशक के अंत तक काफी हद तक कांग्रेस का गढ़ रहा है। हालांकि 1989 में, यह माकपा का गढ़ बन गया। 2014 के लोकसभा चुनावों में प्रचंड मोदी लहर के दौरान आसनसोल के लोगों ने सुप्रियो को वोट दिया। सुप्रियो जिन्होंने 2014 में 36.75 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया था, वहीं 2019 में अपने वोट शेयर को बढ़ाकर 51.16 प्रतिशत कर दिया। हालांकि, तृणमूल ने 2021 के विधानसभा चुनावों में औद्योगिक क्षेत्र में एक स्थिर और मजबूत सुधार किया, क्योंकि उसने क्षेत्र की सात विधानसभा सीटों में से पांच पर जीत हासिल की।

इसके अलावा बाबुल सुप्रियो भी बालीगंज विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं जो ममता कैबिनेट के पूर्व मंत्री सुब्रत मुखर्जी के निधन के बाद खाली हुई थी। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपडेटेड आंकड़े के मुताबिक उन्हें कुल मतों का 48 फीसदी वोट मिला है और 20 हजार 38 वोटों से जीते हैं। सूत्रों ने बताया कि 19 राउंड की मतगणना के बाद बाबुल सुप्रियो को 50 हजार 996 वोट मिले जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंदी रहे माकपा उम्मीदवार शायरा शाह सलीम को 30 हजार 940 वोट मिले हैं। भाजपा उम्मीदवार केया घोष महज 13 हजार 174 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर हैं जबकि चौथे स्थान पर कांग्रेस उम्मीदवार कमरुजम्मान रहे हैं।

हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक अंतिम आंकड़ा अपडेट नहीं किया है, लेकिन बाबुल सुप्रियो ने खुद भी अपनी जीत का दावा किया है और इस जीत को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि मैं जिस पार्टी में रहता हूं उसके लिए जान देता हूं। इसके पहले भाजपा में था तो दो गोल किए दो बार सांसद बना। अब तृणमूल के लिए 10 गोल करूंगा। 20 हजार से भी अधिक वोटों से मिली जीत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को समर्पित करता हूं। उन्होंने भाजपा की हार के लिए लगातार बढ़ रही महंगाई और ईंधन की कीमतों को जिम्मेदार ठहराया है।

बाबुल सुप्रियो ने कहा कि आम जनता ने भाजपा के अहंकार को नष्ट कर दिया है। भाजपा की नीतियां देश विरोधी हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही जीत के लिए आम जनता का आभार जताया है। वहीं सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि यह जीत नफरत के खिलाफ जनादेश है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि भाजपा के अधिकतर मतदाता वोट देने के लिए नहीं जा सके थे इसलिए तृणमूल जीत सकी है।

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