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डीएम आवास का बोर्ड भगवा से हरा और फिर लाल होने के मामले में कार्रवाई, PWD के JE पर गिरी गाज

महज कुछ घंटों के अंदर अयोध्या जनपद के जिला अधिकारी के आवास के बोर्ड का रंग तीन बार बदला गया. सबसे पहले भगवे रंग में दिखने वाले जिला अधिकारी आवास के बोर्ड का रंग हरा कर दिया गया, जिसको लेकर अयोध्या जनपद में ही नहीं बल्कि समूचे उत्तर प्रदेश में सियासी रंग भी बेहद चटक दिखने लगा. सोशल मीडिया साइटों पर अयोध्या जनपद के जिला अधिकारी के आवास के बोर्ड बदलने की तस्वीर देखते ही देखते वायरल हो गई. सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई कि सरकार बदलने वाली है और समाजवादी पार्टी की सरकार आने वाली है. शायद यही कारण है कि अफसर इन चीजों को भाप गए हैं और अभी से आने वाली सरकार के प्रति अपने झुकाव को प्रदर्शित करना चाह रहे हैं. हालांकि जिलाधिकारी अयोध्या के आवास के बोर्ड को बदलने के वक्त तक प्रदेश के 2 चरणों के चुनाव होने बाकी थे. यानी छठे और सातवें चरण के मतदान प्रदेश में होने बाकी थे. इससे पहले अयोध्या जिला अधिकारी के पीडब्ल्यूडी  गेस्ट हाउस में बनाए गए अस्थाई आवास को प्रदर्शित करने वाले बोर्ड के रंग को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थी.

भगवे रंग में दिखने वाले बोर्ड को हरा रंग कर दिया गया जिसको लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना रहा. हालांकि मीडिया ट्रायल के बाद अयोध्या जनपद के जिला अधिकारी नीतीश कुमार ने सफाई दी कि यह पीडब्ल्यूडी का गेस्ट हाउस है और पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों के द्वारा यह काम किया गया है. लेकिन खबर वायरल होने के बाद पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी दोबारा जिला अधिकारी आवास को निर्देशित करने वाले बोर्ड का रंग फिर बदल दिया गया. लेकिन दोबारा बदले गए बोर्ड के रंग को लेकर एक बार फिर सियासी रंग चढ़ने लगा. दरअसल पहले अयोध्या जिलाधिकारी के आवास को निर्देशित करने वाले बोर्ड का रंग केसरिया था, जिसको पीडब्ल्यूडी विभाग के कर्मचारियों ने बदलकर हरे रंग में कर दिया था. भारी किरकिरी होने के बाद पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों ने दोबारा बोर्ड को बदला लेकिन इस बार अयोध्या जिला अधिकारी आवास के बोर्ड का रंग लाल कर दिया गया. इसको लेकर सियासी रंग और गाढ़ा हो गया, प्रदेश में पूर्व की सरकार के कार्यकाल के समय सभी सरकारी आवासों और कार्यालय निर्देशित करने वाले बोलो के रंग या तो हरे होते थे या लाल रंग में किए जाते थे.

किरकिरी के बाद डैमेज कंट्रोल

अयोध्या जिला अधिकारी के आवास के बोर्ड के रंगों को बदलने का मामला इतना तूल पकड़ा की मौजूदा जिम्मेदार कर्मचारियों की भारी किरकिरी हुई. मामले से खिसियाए उच्च अधिकारियों ने शुक्रवार देर शाम पीडब्ल्यूडी विभाग के जूनियर इंजीनियर अजय कुमार शुक्ला को सस्पेंड कर दिया गया. इसी के साथ कारण यह बताया गया कि बोर्ड को बदलने की कार्रवाई बिना उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लेकर अजय कुमार के द्वारा की गई है लिहाजा डैमेज कंट्रोल करने के लिए उच्च अधिकारियों ने जूनियर इंजीनियर अजय कुमार शुक्ला को सस्पेंड कर राहत की सांस ली है.

प्रदेश में बदलती सरकार में रंगो का रहा है विशेष महत्त्व

उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की सरकार के कार्यकाल के समय सभी सरकारी कार्यालय इमारतें और उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों तक को नीले रंग में रंग दिया गया था. उसके बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार आने के बाद सभी सरकारी कार्यालय आवास और उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों को लाल और हरे रंग में रंगने का कार्य किया गया था.

वहीं उत्तर प्रदेश में बीजेपी की पूर्ण बहुमत मिलने के बाद गठित हुई सरकार के द्वारा योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनाए गए थे. इसके बाद समूचे उत्तर प्रदेश के सरकारी बंगले आवास कार्यालय और उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों को भगवा रंग चढ़ा दिया गया था. उत्तर प्रदेश की राजनीति में रंगों के सियासी मायने माने जाते हैं, लिहाजा अयोध्या में जिलाधिकारी के आवास के बोर्ड के रंग को बदले जाने के बाद अयोध्या जनपद में ही नहीं बल्कि समूचे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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