बंद पड़ी टेक्सटाइल मिलों की जमीन पर लगाए जाएंगे बड़े उद्योगः नन्दी
लखनऊ। प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल नंदी ने कहा कि प्रदेश में बंद पड़ी और फंसी हुई टेक्सटाइल मिल की जमीनें मुक्त कराकर नए उद्योगों के लिए उद्यमियों को दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बंद और कंडम हो चुकी टेक्सटाइल मिलें, जल्द ही उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हुई नजर आएंगी। जहां पर नई फैक्ट्रियां और उद्योग धंधे लगाए जाएंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से एक लाख करोड़ रूपये की आर्थिक मदद ली है।
मंत्री ने मंगलवार को विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में औद्योगिक विकास विभाग की समीक्षा बैठक की। औद्योगिक विकास मंत्री ने अधिकारियों को प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देते हुए लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिए। मंत्री नन्दी ने कहा कि तीन जून को पूर्वाह्न में देश के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में तीसरे ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी का शुभारम्भ करेंगे। जिसमें देश के कई बड़े बड़े उद्योगपति शामिल होंगे। मंत्री नन्दी ने बताया कि ओडीओपी के प्रोडक्ट के साथ-साथ नए इनवेस्टर्स के उत्पाद भी एक्जीविशन में रखे जाएंगे।
मंत्री नन्दी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। औद्योगिक विकास विभाग की जिम्मेदारी सम्भालने के बाद से ही बंद पड़ी टेक्सटाइल मिलों की भूमि और भवन के इस्तेमाल को लेकर पूरी तरह से गम्भीर औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने केंद्र सरकार से वार्ता कर कंडम हो चुके टेक्सटाइल मिलों को विकसित करने का रास्ता निकाल लिया है।
कोरोना में प्रभावित उद्योगों को मिल सकती है राहत
मंत्री नन्दी ने बताया कि टैबलेट और मोबाइल स्कीम पर 4800 करोड़ रूपये बजट अपेक्षित है। कोरोना काल में जिन उद्योगों का नुकसान हुआ, जिसमें करीब व समय सीमा के अंतर्गत कार्य प्रारम्भ-पूर्ण नहीं कर पाएं, उन्हें राहत देने पर विचार किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास की बैठकें अब क्षेत्रवार की जाएगी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस वे आफिस, गीडा आदि के मुख्यालय पर जाकर शीघ्र ही कार्यों की समीक्षा की जाएगी। बैठक में औद्योगिक विकास राज्य मंत्री जसवंत सैनी एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार मौजूद रहे।