सरकार द्वारा बैंकों को निजी हाथों में दिए जाने का हो रहा है विरोध।
सरकार द्वारा निजीकरण का बिल वापस न लिए जाने पर अनिश्चितकाल के लिए बैंक रहेगा बंद।
सरकार के द्वारा बैंकों के निजीकरण किए जाने के विरोध में समूचे देश की सभी बैंकों के द्वारा 15 मार्च से दो दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है इस दौरान बैंक के सभी कामकाज ठप है। ऐसे में आम जनमानस को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से व्यापारियों को लेन-देन में खासी दिक्कत आ रही है । वहीं पर आज अमेठी जनपद मुख्यालय गौरीगंज के बैंक ऑफ बड़ौदा पूर्वी ग्रामीण बैंक की मुख्य शाखा पर हाथों में स्लोगन लिखे हुए तख्ती लेकर बैठे बैंक कर्मचारियों के साथ उनके इंप्लाइज यूनियन संघ अमेठी के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि भारत सरकार के द्वारा बैंकों के निजीकरण के विरोध में हम लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हम लोगों का कहना है कि सरकार निजी करण का बिल वापस ले जिससे हम लोग देश की गरीब जनता को जो सेवाएं दे रहे हैं जीरो बैलेंस पर खाता खोलते हैं सारी सुविधाएं प्रदान करते हैं ऐसे में यदि यह निजी करण हो जाएगा तो जितने भी ग्रामीण परिवेश को लोग हैं उनको बैंकों में खाता रखना मुश्किल हो जाएगा । यह दो दिवसीय हड़ताल अभी भारत सरकार के लिए चेतावनी है । अगर इसके बावजूद सरकार ने हम लोगों की बातें नहीं मानी तो हम लोग मजबूरन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे और सड़क पर उतरेंगे धरना प्रदर्शन करेंगे यह तब तक करेंगे जब तक सरकार निजीकरण का बिल वापस नहीं ले लेती है।