तय तारीखों पर होगा JEE और NEET एग्जाम, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने की घोषणा
नई दिल्ली. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने कहा है कि JEE (Mains) और NEET (UG) परीक्षा पहले से तय तारीखों पर ही होगी। आपको बता दें कि JEE (Main) एग्जाम 1 से 6 सितंबर के बीच होना है जबकि NEET (UG) एग्जाम 13 सितंबर को होना है। आपको बता दें JEE और NEET एग्जाम को टालने के लिए सोशल मीडिया पर जमकर आंदोलन चल रहा है। छात्रों की इस मांग के समर्थन में भारत की कई राजनीतिक पार्टियां खुलकर सामने आईं हैं।
ग्रेटा थनबर्ग ने भी किया NEET/JEE परीक्षाएं टालने की मांग का समर्थन
स्वीडिश जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने कोरोना वायरस के चलते उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर भारत में नीट और जेईई परीक्षाएं टालने का मंगलवार को समर्थन किया और कहा कि यह ‘‘बहुत अनुचित’’ है कि छात्रों को महामारी के समय परीक्षाओं में बैठने के लिए कहा जा रहा है। देश भर में कई छात्रों के साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन सहित कई नेताओं ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि जब तक कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रण में नहीं लाया जाता तब तक के लिए परीक्षा स्थगित कर दी जाए।
National Testing Agency (NTA) says, JEE (Main) and NEET (UG) exams will be held on the dates announced earlier, which are 1st to 6th September and 13th September respectively. pic.twitter.com/TUwxjxn0tl
— ANI (@ANI) August 25, 2020
प्रमुख राष्ट्रीय परीक्षाओं को स्थगित करने के आह्वान का समर्थन करते हुए थनबर्ग ने ट्विट करके कहा कि यह छात्रों के लिए बहुत अनुचित है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत अनुचित है कि भारत के छात्रों को ऐसे में राष्ट्रीय परीक्षा में बैठक के लिए कहा जा रहा है जब कोविड-19 महामारी के साथ ही लाखों लोग बाढ़ से भी प्रभावित हैं। मैं ‘कोविड-19 में जेईई, नीट परीक्षा’’ स्थगित करने के समर्थन में हूं।’’
सत्रय वर्षीय थनबर्ग जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई के लिए एक अग्रणी आवाज बन गई हैं, जिससे दुनिया भर में लाखों छात्र इसको लेकर विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए प्रेरित हुए। उन्हें 2019 के लिए ‘टाइम’ पत्रिका का ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ चुना गया है। नीट और जेईई सहित विभिन्न परीक्षाओं को कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर स्थगित करने की मांग को लेकर रविवार को 4,000 से अधिक छात्रों ने एक दिन की भूख हड़ताल की। यह विरोध प्रदर्शन ऐसे दिन हुआ जब गांधी ने कहा कि सरकार को छात्रों के ‘मन की बात’ सुननी चाहिए और “एक स्वीकार्य समाधान” पर पहुंचना चाहिए और उनकी पार्टी ने मांग की है कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) टाल दी जाए।