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आधी आबादी के सपने सच कर रही योगी सरकार, एक करोड़ महिलाओं को मिले स्वरोजगार

  • मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 1,91,686 बेटियों के हाथ किए पीले
  • 13.67 लाख से अधिक बालिकाओं को कन्या सुमंगला योजना के तहत मिली आर्थिक सहायता
  • 1535 थानों में 20,740 महिला पुलिस बीट अधिकारी नियुक्त

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आधी आबादी के सपने सच कर रही है। शहरी हों या ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं, सभी सरकार की योजनाओं से लाभान्वित हो रही हैं। योगी सरकार दूसरे कार्यकाल का छठवां महीना पूरा कर रही है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि बीते और आने वाले समय में सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए पूरी तरह से समर्पित है। मुख्यमंत्री ने हाल में ही एक कार्यक्रम में कहा था, ‘‘मां के समान कोई छांव नहीं, मां के समान कोई सहारा नहीं है, मां के समान कोई रक्षक नहीं है और मां के समान कोई प्रिय भी नहीं होता।’’ यानी नारी शक्ति के उत्थान के लिए योगी सरकार इस वाक्य को चरितार्थ कर काम कर रही है। सरकार महिलाओं का सहारा बन रही है, उनकी रक्षा कर रही है और उनके उन्नयन के लिए योजनाएं भी बना रही है।

प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार के कई कार्यक्रम से महिलाओं को सुरक्षा व संरक्षा प्रदान की गई। इसमें शारीरिक सुरक्षा, महिला बटालियन का प्रशिक्षण, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में आत्मरक्षा पाठ्यक्रम, ओडीओपी के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण का निर्माण, राजनीतिक निर्णय लेने में सार्थक स्थान देना भी शामिल है। उन्होंने बताया कि लड़कियों के मंगलमय भविष्य के लिए कन्या सुमंगला सरकार की सशक्त योजना है। राज्य में अब तक 13.67 लाख से अधिक बालिकाएं इससे लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके कई सकारात्मक परिणाम मिले हैं। इससे राज्य में लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार हुए, स्कूलों में लड़कियों के नामांकन में वृद्धि भी हुई।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार ने उत्तर प्रदेष में अब तक आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की 1,91,686 बेटियों के हाथ पीले किए हैं। सीएम ने कई विवाहों में शिरकत कर नवदंपति को आशीर्वाद देकर सुखी-स्वस्थ जीवन की कामना भी की। 58,000 ग्राम पंचायतों में बैंकिंग सखी की तैनाती का मकसद बेटियों और महिलाओं को मजबूत बनाना है। एक तरफ इसने अलग-अलग गांवों में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराई हैं तो दूसरी तरफ महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मुख्यमंत्री की पहल से लगभग 48,000 महिलाओं को 5451 करोड़ रुपये के वित्तीय लेनदेन करने और 2020 से 14.15 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने में मदद मिल रही है।

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के रूप में बिजली मीटर रीडिंग और बिल संग्रह में महिला स्वयं सहायता समूहों को शामिल करने की उत्तर प्रदेस सरकार की पहल ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन को बदलने में मदद की है। बिजली सखियों के रूप में डब्ल्यूएसएचजी के सदस्यों ने अब तक 173.5 करोड़ रुपये से अधिक के बिजली बिलों का संग्रह पूरा किया है और सफलतापूर्वक 2.39 करोड़ रुपये का कमीशन अर्जित किया है।

वित्तीय स्वतंत्रता की शक्ति दी

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने महिला उद्यमियों के लिए वित्तीय आत्मनिर्भरता की अनूठी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत कई स्वयं सहायता समूहों की मदद से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और स्वतंत्र बनने में मदद की जा रही है। इस दिशा में उत्तर प्रदेश में लगभग 66 लाख ग्रामीण महिलाओं को 6.34 लाख स्वयं सहायता समूहों, 31,601 ग्रामीण प्रतिष्ठानों और 1735 जमीनी स्तर के संगठनों के साथ सुव्यवस्थित किया गया है।

इसके अतिरिक्त महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने और काम खोजने के अवसर बढ़ाने के भी अवसर दिए गए। राज्य की 80,000 राशन की दुकानों में महिला स्वयं सहायता समूह महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आंगनबाड़ियों में स्वयं सहायता समूहों द्वारा स्वच्छ व पौष्टिक भोजन तैयार किया जाता है, जिससे 4000 महिलाओं को रोजगार के आकर्षक अवसर प्राप्त हुए हैं। महिलाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए स्टैंड-अप इंडिया पहल के माध्यम से 2,300 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए हैं। पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से 2 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों का भी सरकार ने ध्यान रखा है। इसके अलावा 1 करोड़ से अधिक महिलाओं को 10 लाख स्वयं सहायता समूहों या स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से स्वरोजगार की सुविधा प्रदान की गई है।

बेटियों और महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने के लिए योगी सरकार प्रदेश में पहली बार तीन महिला पीएसी बटालियन की स्थापना कर रही है। वहीं प्रदेश के सभी 1584 थानों (जीआरपी समेत) में महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गई। सभी 1535 पुलिस थानों में 10,417 महिला थाने का गठन किया गया है। नवगठित महिला पुलिस बीट्स में 20,740 महिला पुलिस बीट अधिकारी नियुक्त की गई हैं। ये सभी पुलिस स्टेशन महिलाओं के खिलाफ अपराध की रोकथाम के लिए शक्ति मोबाइल से लैस हैं।

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार योगी सरकार के कुशल कार्यप्रणाली के परिणामस्वरूप यूपी में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध में काफी कमी आई है। रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं से जुड़े अपराधों के लिए सजा के मामले में उत्तर प्रदेश लगातार देश में पहले स्थान पर है। मिशन शक्ति अभियान के तीन चरणों के दौरान कुल 6211 प्रतिवादियों को दंडित किया गया, जिसमें 36 को मृत्युदंड और 1296 को आजीवन कारावास की सजा मिली।

यह प्रभावी पैरवी का ही परिणाम है कि 1203 अभियुक्तों को 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा सुनाई गई, जबकि 3,676 अपराधियों को 10 वर्ष से कम की सजा सुनाई गई। एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि देश के सभी राज्यों में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए सबसे अधिक सजा दर 59.1 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 26.6 प्रतिशत से भी अधिक है।

वन स्टॉप सेंटर और महिला शक्ति केंद्र एकीकृत तरीके से काम कर रहे

प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश की महिलाओं-बेटियों को बेहतर सुविधाएं और उनकी समस्याओं का तेजी से समाधान करने के लिए वन स्टॉप सेंटर और महिला शक्ति केंद्र समन्वय से काम कर रहे हैं। इसके अलावा, महिलाओं से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के लिए वन स्टॉप सेंटरों को हब के रूप में विकसित किया गया है। उन्हें सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए सभी सेवाएं एक ही छत के नीचे मिल रही हैं।  महिलाओं और बेटियों को वित्तीय सहायता, रोजगार व स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण से संबंधित सभी योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई है। योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए ये संस्थाएं संबंधित विभागों एवं अधिकारियों के समन्वय से कार्य करती हैं।

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