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मॉरीशस और भारत की संस्कृति एक जैसी, पर्यटन के साथ विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की भारी संभावनाएं: सीएम योगी

  • प्रधानमंत्री जगन्नाथ ने काशी विश्वनाथ धाम में हुए विकास कार्यों को सराहा

वाराणसी। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने तीन दिवसीय वाराणसी दौरे के अंतिम दिन शुक्रवार को नदेसर स्थित एक होटल में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अलग-अलग बैठक की। सबसे पहले राज्यपाल पटेल ने होटल पहुंचकर मॉरीशस के प्रधानमंत्री से शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान भारत और मॉरीशस के प्रतिनिधि अफसर भी मौजूद रहे। लगभग एक घंटे तक राज्यपाल और प्रधानमंत्री जगन्नाथ के बीच विभिन्न विषयों पर बातचीत हुई। राज्यपाल के बाद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने जगन्नाथ से मुलाकात की। द्विपक्षीय बैठक में मुख्यमंत्री ने भारत एवं मारीशस के मैत्रीपूर्ण संबंध को बनाए रखने में मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री सर अनिरुद्ध जगन्नाथ (प्रविंद जगन्नाथ के पिता) के योगदान की जमकर सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे वर्ष 2017 में भारतीय प्रवासी दिवस के अवसर पर मॉरीशस गए थे और फरवरी, 2018 में आयोजित यूपी अंबेडकर सम्मेलन के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ का शुभकामना प्राप्त हुआ था। मॉरीशस के लोग भारत को अपने पूर्वजों की धरती मानते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत एवं मॉरीशस विकास के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ सकते हैं। मॉरीशस एवं भारत की संस्कृति एक जैसी है। यहां पर्यटन के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की भारी संभावनाएं हैं। भारत के अधिकतर लोग टूरिज्म के लिए मॉरीशस जाते हैं। मॉरीशस से भी लोग भारी संख्या में काशी, अयोध्या, मथुरा, प्रयागराज और कुशीनगर पर्यटन के लिए आते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विकास के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू रहा है और उनके विजन के अनुरूप उत्तर प्रदेश विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मॉरीशस के निवासियों एवं व्यापारियों का उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से स्वागत है।

गन्ना उत्पादन की तकनीकी पर मिलकर काम करने की इच्छा जताई

बैठक में मुख्यमंत्री ने गन्ना विकास पर विशेष जोर देते हुए कहा कि प्रदेश में गन्ना पेराई की 119 चीनी मिलें संचालित हैं। गन्ना की खेती के लिए ही प्रदेश से लोग मॉरीशस गए। गन्ना अनुसंधान एवं तकनीक के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश एवं मॉरीशस मिलकर कार्य कर सकता है। गन्ना एवं आयुष के क्षेत्र में विकास की पर्याप्त संभावनाएं हैं। शुगर केन से इथेनॉल बनाकर डीजल और पेट्रोल में मिलाया जा सकता है। इससे डीजल और पेट्रोल की मांग को पूरा करने के साथ-साथ इसके आयात को कम किया जा सकता है।

शुगर केन से इथेनॉल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश में प्लांट स्थापित किए हैं, जो पूरी तरह क्रियाशील है। योगी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कुल 119 चीनी मिल क्रियाशील हैं, जो कोविड काल में भी बंद नहीं हुईं। मुख्यमंत्री ने डेलिगेशन के माध्यम से कृषि एवं गन्ना विकास के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच तकनीकी को साझा एवं आवश्यक जानकारियों के आदान-प्रदान पर जोर दिया। गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट के साथ-साथ गवर्नमेंट टू बिजनेसमैन के मध्य इंटरेक्शन एवं वार्ता होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कोविड काल के दौरान भी उद्योग बाधित नहीं हुए।

मॉरीशस में शुगर अर्थव्यवस्था का मूल स्रोत

बैठक में प्रधानमंत्री प्रविंद ने कहा कि भारत से मॉरीशस का भावनात्मक लगाव है। दोनों देश विकास की संभावनाओं को बहुत आगे तक बढ़ा सकते हैं। मॉरीशस में शुगर अर्थव्यवस्था का मूल स्रोत है। उन्होंने शुगर के क्षेत्र में मिलकर विकास की संभावनाओं पर विशेष जोर दिया। मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने भी भारतवासियों को अपने देश में निवेश के लिए आमंत्रित किया।

कॉरिडोर का निर्माण कार्य रिकॉर्ड समय में हुआ

मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ धाम में हुए विकास कार्यों की मुक्तकंठ से सराहना की तो मुख्यमंत्री आदित्यनाथ भी गदगद दिखे। मुख्यमंत्री ने बताया कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री मोदी के विजन एवं इच्छा के अनुरूप हुआ है। कॉरिडोर का निर्माण कार्य रिकॉर्ड समय में हुआ है। गंगा स्नान के बाद अब बाबा विश्वनाथ की अभिषेक के लिए सीधे मंदिर पहुंचने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है।

नव वर्ष पर 01 जनवरी को 7 लाख एवं शिवरात्रि को 5 लाख भक्तों ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन किया, जो रिकॉर्ड है। मुख्यमंत्री ने इच्छा जताते हुए कहा कि मॉरीशस के भारतवंशी काशी आकर बाबा विश्वनाथ एवं माता गंगा का दर्शन करें। इसके पहले मुख्यमंत्री योगी ने प्रविंद को अंगवस्त्र ओढ़ाकर स्वागत किया और काशी विश्वनाथ का प्रतीक स्मृति चिह्न भेंट किया।

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