काशी में बने पुरोहित कल्याण बोर्ड का कार्यालय : नीलकंठ तिवारी
- सदन में बजट पर चर्चा के दौरान प्रदेश के पूर्व पर्यटन मंत्री का उद्बोधन
लखनऊ। वाराणसी से भाजपा विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व पर्यटन, संस्कृति और धर्मार्थ कार्य मंत्री डा. नीलकंठ तिवारी ने प्रदेश में पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन हेतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया है। उन्होंने बोर्ड का कार्यालय काशी में बनवाने के लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध भी किया है।
विधानसभा में सोमवार को बजट पर चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री डा. नीलकंठ तिवारी ने कहा कि उप्र भारतीय संस्कृति और आध्यात्म का मुख्य केंद्र है। भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के अलावा काशी, चित्रकूट, तीर्थराज प्रयाग, विंध्यधाम और नैमिशारण्य जैसे तमाम महत्वपूर्ण तीर्थस्थल एवं आध्यात्मिक केंद्र भी यहीं हैं और इन स्थलों पर पुरोहितों और पंडों की संख्या बहुतायद है।
पूर्व धर्मार्थ कार्य मंत्री ने सदन को बताया कि प्रदेश के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर रहने वाले पुरोहित और पंडे समाज कल्याण के लिए मंत्रों का जाप और तरह-तरह के धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, लेकिन उनकी स्वयं की आर्थिक स्थिति बहुत ही बदतर है। ऐसे में योगी सरकार ने अपने बजट में पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन की घोषणा करके समाज के इस अति महत्वपूर्ण वर्ग के उत्थान का कार्य किया है। डा. नीलकंठ ने इसके लिए मुख्यमंत्री योगी और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने इस दौरान मुख्यमंत्री से अनुरोध भी किया कि प्रस्तावित पुरोहित कल्याण बोर्ड का कार्यालय वाराणसी में ही स्थापित किया जाए। इसके लिए उन्होंने तर्क दिया कि काशी में पंडों और पुरोहितों की संख्या सर्वाधिक है और वहीं पर राज्य सरकार के धर्मार्थ कार्य विभाग का निदेशालय भी स्थापित है। ऐसे में प्रस्तावित बोर्ड का कार्यालय धर्मार्थ कार्य निदेशालय से संबंद्ध करके वाराणसी में ही खोलने से सुविधाजनक रहेगा।
अपने संबोधन के दौरान डा. नीलकंठ तिवारी ने नेता प्रतिपक्ष के उस बयान पर भी कटाक्ष किया जिसमें अखिलेश यादव ने सरकार के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि यह बजट नहीं बटवारा है। पूर्व मंत्री ने कहा, ‘‘बजट बंटवारा ही होता है, लेकिन यह वह बंटवारा नहीं है जो 2012 से 2017 के बीच परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के बीच होता था।’’ उन्होंने कहा कि योगी सरकार के बजट का बंटवारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के ‘‘अर्थायाम’’ और ‘‘अंत्योदय’’ सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें समाज के हर तबके के विकास को लेकर आवश्यकतानुसार बजट का बंटवारा किया जाता है।
पूर्व मंत्री ने अपने भाषण में योगी सरकार द्वारा कराए गए कई विकास कार्यों का उल्लेख भी किया। गौरतलब है कि डा. नीलकंठ तिवारी योगी सरकार-01 में प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति और धर्मार्थ कार्य जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री थे और उनके समय में काशी विश्वनाथ कारीडोर और विंध्यधाम कारीडोर समेत प्रदेश के विभिन्न धार्मिक नगरों में विकास के कई काम हुए थे। साथ ही प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में एक पर्यटन स्थल के विकास की विशेष योजना संचालित हुई थी।