आज ही के दिन 33 साल पहले वर्ल्ड कप में पहली हैट्रिक लेकर चेतन शर्मा ने रचा था इतिहास
आज ही से ठीक 33 साल पहले 31 अक्टूबर 1987 को भारतीय पूर्व तेज गेंदबाज चेतन शर्मा ने वर्ल्ड कप की हैट्रिक लेकर भारत का नाम ऊंचा किया था। चेतन शर्मा से पहले दुनिया के किसी भी तेज गेंदबाज ने वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में हैट्रिक नहीं ली थी। 1983 वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारतीय खिलाड़ियों का मनोबल काफी ऊंचा था। 1987 का वर्ल्ड कप भारत में खेला जा रहा था और इस वर्ल्ड कप में भी टीम इंडिया अच्छा परफॉर्म कर रही थी। भारत ने रॉउंड रॉबिन में 5 में से 4 मुकाबले जीते थे और उनका आखिरी मुकाबला न्यूजीलैंड की धाकड़ टीम के साथ था।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम ने अच्छी शुरुआत करते हुए 4 विकेट के नुकसान पर 181 रन बना लिए थे। उस समय ऐसा लग रहा था कि न्यूजीलैंड बड़ा स्कोर खड़ा कर लेगी, लेकिन तभी रवि शास्त्री ने दीपक पटेल का विकेट लेकर भारत की मैच में वापसी की उम्मीद जताई। भारत को उस समय एक-दो विकेट की और जरूरत थी ताकी वह मैच पर अपना शिकंजा कस सके।
तभी कपिल देव ने गेंद चेतन शर्मा को थमाई और उन्होंने एक के बाद एक तीन विकेट लेकर इतिहास रच दिया। चेतन शर्मा की पहली तीन गेंदों पर तो कोई विकेट नहीं मिला। लेकिन चौथी शॉर्ट लेंथ गेंद पर रदरफोर्ड पुल शॉट खेलना चाहते थे लेकिन गेंद उनके क्लीन बोल्ड करते हुए निकल गई। इसके बाद चेतन शर्मा ने इयान स्मिथ को बोल्ड किया। आखिरी गेंद पर एविन चैटफील्ड सामने थे। लेकिन वे भी इतिहास रचने से बचा नहीं पाए और चेतन शर्मा ने वर्ल्ड कप इतिहास की पहली हैट्रिक अपने नाम कर ली।
#OnThisDay In 1987, Chetan Sharma took the first-ever hat-trick in a World Cup and set up #TeamIndia's nine-wicket win against New Zealand in Nagpur. 🇮🇳🔝👏 pic.twitter.com/xhABzmfpNy
— BCCI (@BCCI) October 31, 2020
चेतन शर्मा अपनी इस हैट्रिक का श्रेय कपिल देव को देते हैं जिन्होंने उन्हें विकेट टू विकेट गेंदबाजी करने की सलाह दी थी। चेतन शर्मा ने इंडिया टीवी को बताया था “दरअसल कपिल देव पाजी ने मुझे विकेट टू विकेट गेंदबाजी करने के लिए कहा। इस तरह के अवसर किसी खिलाड़ी के जीवन में बड़ी मुश्किल से आते हैं। हमने देखा कि चैटफील्ड हेलमेट पहनकर बल्लेबाजी करने के लिए आया था जबकि वहां गेंद घुटनों से ऊपर ही नहीं जा रही थी। तब हमें लगा कि वो नर्वस है कि कहीं मैं उसे बाउंसर न मार दूं। इसलिए पाजी ने मुझे स्टंप पर गेंद फेंकने को कहा ताकि LBW या सीधे बोल्ड का चांस बन सके। मैंने उनकी सलाह मानी और वहीं किया.. बाकी का इतिहास गवाह है।”
चेतन शर्मा की उस हैट्रिक के दम पर भारत न्यूजीलैंड को 221 के स्कोर पर रोकने में सफल रहा था। भारत ने न्यूजीलैंड द्वारा मिले लक्ष्य को 9 विकेट रहते हासिल कर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। सेमीफाइनल में भारत को इंग्लैंड के हाथों 35 रन से हार का सामना करना पड़ा था और इस तरह भारत का दूसरा वर्ल्ड कप जीतने का सपना चकना चूर हुआ था। फाइनल में इंग्लैंड को 7 रन से हराकर ऑस्ट्रेलिया विश्व विजेता बना था।