162-बांगरमऊ विधानसभा उप चुनाव चतुष्कोणीय संघर्ष में कांग्रेस का पलड़ा भारी
नरेश दीक्षित
उन्नाव जनपद की 162 बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र का चुनाव सपा, बसपा, कांग्रेस, भाजपा की चतुष्कोणीय संघर्ष में आम मतदाताओं की खामोशी के कारण दिलचस्प जातीय समीकरणों में उलझ गया है। यहाँ समाजवादी पार्टी ने सुरेश पाल के रूप में उतारा है वहीं बसपा ने श्री महेश पाल को उतारकर पाल बिरादरी के वोटों का जबदरस्त बॅटवारा होता नजर आ रहा है। सपा व बसपा का बेस मुस्लिम वोटर इस बार के चुनाव में इन दलों से दूरी बनाकर कांग्रेस की प्रत्याशी आरती बाजपेई की ओर मुड़ जाने से सीधा संघर्ष भाजपा के प्रत्याशी श्रीकांत कटियार के बीच होता नजर आ रहा है। बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र वैसे इन दलों के अलावा 6 अन्य प्रत्याशी अपना भाग्य अजमा रहे हैं । लेकिन इन छोटे-छोटे दलों की कोई एहमियत मतदाताओं में नजर नहीं आ रही है। यदि जातीय समीकरण को देखा जाय तो इस विधानसभा क्षेत्र में 80 हजार अनुसूचित जाति एवं जनजाति के मतदाता हैं। मुस्लिम 65 हजार ब्राहम्ण 45 हजार, ठाकुर 18 हजार लोध किसान मल्लाह 50 हजार तथा अन्य पाल, कुर्मी, वैश्य, कुशवाहा लगभग 70 हजार हैं।
बांगरमऊ विधानसभा स्व0 विशम्भर दयाल त्रिपाठी, स्व0 जियाउर रहमान अंसाारी, स्व0 गोपीनाथ दीक्षित जैसे नेताओं की काय॔ स्थलीय रहा हैं इस क्षेत्र में पूर्व में जो विकास की गंगा बही है उसका नतीजा इस क्षेत्र में आसानी से देखा जा सकता है। उन्नाव जनपद का एक समय ऐसा सौभाग्य था इसे स्वर्गीय इंदिरागांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के बाद दूसरे नंबर पर विकास के नाम पर गिना जाने लगा था । जब केन्द्र में श्री उमाशंकर दीक्षित एवं स्व0 श्री जियाउररहमान अंसारी केन्द्रीय मंत्री हुआ करते थे और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री स्व0 गोपीनाथ दीक्षित होते थे इन सभी ने मिलकर उन्नाव के विकास में चार चाॅद लगाये थे । चाहे सोमानी स्टील फैक्ट्री हो मोहन स्टील फैक्ट्री हो या चमड़े की फैक्ट्रियों का जाल हो यह सभी कार्य उक्त नेताओं की बदौलत हुए थे जो आज बंदी के कगार पर हैं।
पं0 गोपीनाथ ने एशिया का सबसे बड़ा फायर ट्रेनिंग सेन्टर उन्नाव में खुलवाया, तथा बांगरमऊ में पुलिस ट्रेनिंग सेन्टर सहित इस क्षेत्र के विकास के लिए कृषि मण्डी, 132 केवीए पावर स्टेशन, डिग्री कालेज, बांगरमऊ-सण्डीला, बांगरमऊ-लखनऊ बिल्हौर मार्गो का निर्माण, दूध डेरी सहित, गंज मुरादाबाद बांगरमऊ, एफ-84 ऊगू में नगर पंचायतों की स्थापना कराकर क्षेत्र का सवाॅगीण विकास कराया। वहीं स्व॔गीय अंसारी ने नानामऊ घाट पर गंगा नदी में पुल,क्षेत्र के किसानों की सिंचाई समस्या दूर करने के लिए विश्व बैंक की सहायता से ट्यूबैलों का क्लस्टर प्लान,इस क्षेत्र की जनता को दिल्ली जाने के लिए आबिदा एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन कराया जिसे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनने के पश्चात बंद कर दिया गया और दुबारा इस जनपद के किसी भी सांसद ने इसे शुरू करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई । वर्ष 1991 के बाद कांग्रेस का ग्राफ जातीय समीकरणों के उभरने के बाद क्षेत्रीय दलों के उदय होने से ग्राफ गिरता गया फलस्वरूप क्षेत्रीय दलों का उदय हुआ जिनका कार्य सिर्फ व सिर्फ अपने सजातीय वोटरों को मजबूत करने तक ही सीमित होकर रह गया क्षेत्र का विकास कार्य उनके लिए सिर्फ दिखावट बन कर रह गए।
आज बांगरमऊ को तहसील मुख्यालय बनवाने सण्डीला-बांगरमऊ मार्ग का दोहरीकरण कराने राजकीय बस अड्डे के लिए स्टेशन बनवाने बेहटामुजावर गांव में पुलिस थाना या शारदा नहर पर दोहरा पुल बनवाने इत्यादि का कार्य किसी भी वर्तमान राजनीतिक दलों द्वारा नहीं हुए हैं यह सभी कार्य समाजसेवी एवं हाईकोर्ट के वकील जो इसी क्षेत्र के गाँव आमापारा के निवासी है श्री फारूख अहमद के अथक प्रयासों एवं हाईकोर्ट इलाहाबाद की बेंच लखनऊ में दायर उनकी जनहित याचिकाओं पर हुए निर्णयों के बाद हुए हैं। इसी प्रकार से गंज मुरादाबाद में नव निर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 32/11 विद्युत सब स्टेशन का निर्माण भी प्रबुद्ध सामाजिक कार्यकर्ता एवं एडवोकेट तथा वरिष्ठ पत्रकार श्री नरेश दीक्षित के अथक प्रयासों से सम्पन्न हुए हैं। आज वोटो के लिए राजनैतिक दल सजातीय वोट बैंक ढूँढ रहे हैं विधायक बनने के लिये?
अब बिना विकास का नारा दिये यह मुमकिन नहीं होगा । प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी ने बांगरमऊ में विजय हासिल करने के लिए अभी तक दो चुनावी सभाओं को संवोधित किया हैं लेकिन सरकारी तंत्र द्वारा जुटाई गई भीड़ से चुनाव नहीं जीता जा सकता है? बांगरमऊ वही विधानसभा सीट है जिस पर कुलदीप सिंह सेंगर अपने दाॅव पेंचों से जीत हासिल कर ली थी। लेकिन अब वह एक बलात्कार प्रकरण में उन्हें सजा मिल चुकी हैं और जेल में बंद है । फलस्वरूप विधान सभा की रिक्त सीट के कारण यहाॅ उप चुनाव हो रहा है। फिलहाल बाॅगरमऊ 2017 के पूर्व कभी भी भाजपा का गढ़ नहीं रहा है। यहाॅ कांग्रेस सपा बसपा का ही वर्चस्व रहा है। लेकिन इस बार के चुनाव में सपा-बसपा एक ही जाति के उम्मीदारों को उतार कर पाल समाज भी भ्रमित हो गया है । लेकिन इस चुनाव में एक पाल प्रत्याशी की जमानत जब्त होना निश्चित प्रतीत होने लगा है? अन्तिम समय तक बाॅगरमऊ विधानसभा का चुनाव कांग्रेस बनाम भाजपा में होना सुनिश्चित प्रतीत हो रहा है।
वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी आरती बाजपेयी उस खानदान से हैं जिनके पिता स्वर्गीय गोपीनाथ दीक्षित से लेकर स्वर्गीय उमाशंकर दीक्षित, शीला दीक्षित ने राजनीति में एक मुख्य मुकाम पर पहुंच कर देश व प्रदेश की सेवाएं की है और अपना राजनैतिक वर्चस्व कायम किया था । उनका मुकाबला बिना किसी राजनैतिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी श्रीकान्त कटियार से है जो पूर्व में उन्नाव जिला भाजपा के अध्यक्ष रह थे। तथा इसी क्षेत्र के निवासी हैं तथा मिलनसार हैं। जहाॅ एक ओर भाजपा हर-हाल में सीट बचाने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित दर्जनों मंत्रियों, विधायकों, सांसदों फ्रंटल संगठनों को उतार दिया है लेकिन इसका कोई प्रभाव बांगरमऊ क्षेत्र के प्रबुद्ध मतदाताओं पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। प्रदेश सरकार के एक मंत्री अब ब्राह्मणों को तोड़ने का प्रयास भी कर रहे हैं लेकिन यह प्रयास भी उनका निष्फल होता नजर आ रहेगा?
वहीं कांग्रेस भी ‘इस बार नहीं तो कभी नहीं’ की नीति अपना कर दिल्ली से लेकर प्रदेश भर के नेताओं की टीमें उतार दी हैं। जो गाॅव-गाॅव भ्रमण कर मतदाताओं से जन सम्पर्क कर रहे हैं जिसका फायदा कांग्रेस प्रत्याशी आरती बाजपेई को मिलता हुआ नजर आ रहा है।
162 बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस, भाजपा, सपा, बसपा का जोरदार चुनाव प्रचार का कोहराम मचा हुआ हैै लेकिन इन सबसे दूर आम मतदाता खामोश होकर मतदान के लिए 3 नवम्बर का इंतजार कर रहा है यदि अंतिम समय में कोई बड़ा फेरबदल और चुनावी मुद्दा शतरंज की चाल नहीं बना तो कांग्रेस अपने इतिहास को दोहराने की दहलीज पर खड़ी हो गई है?