
आयकर विभाग ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से जुड़ी एक हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर दिया है. इस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कहा कि इससे पवार का कोई संबंध नहीं है और इसका मकसद उन्हें बदनाम करना है. NCP के प्रवक्ता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और NCP के गठबंधन वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर दबाव बनाना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी और उससे जुड़ा हर व्यक्ति बिना डर के इसका सामना करेगा. अजित पवार के रिश्तेदारों से जुड़े परिसरों पर पिछले महीने देशभर में व्यापक छापेमारी के बाद आयकर विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को मुंबई, नई दिल्ली, पुणे, गोवा में उनकी संपत्तियों और राज्यभर में दो दर्जन से अधिक भूखंडों को कुर्क करने के अस्थायी आदेश दिए. इस कुर्क संपत्ति की बाजार में कुल कीमत करीब 1,400 करोड़ रुपए है.
पवार के बेटे समेत परिवार के सदस्यों की संपत्तियां भी शामिल
एक आयकर सूत्र ने पुष्टि की कि उनके बेनामी संपत्ति विभाग ने 1988 के बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध अधिनियम के तहत NCP नेता के बेटे पार्थ पवार समेत उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी विभिन्न संपत्तियों को कुर्क करने के अस्थायी आदेश जारी किए हैं. वहीं मामले में NCP के वरिष्ठ मंत्री मलिक ने कहा, ‘‘ऐसा बताया जा रहा है कि आयकर विभाग ने अजित पवार से जुड़ी संपत्तियों को कुर्क किया है, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है. यह संपत्ति हरेक की है और वे कह रहे हैं कि यह अजित पवार की है. ऐसा उन्हें बदनाम करने के लिए किया गया है.’’
बंगाल के बाद अब महाराष्ट्र में हो रहा एजेंसियों का दुरुपयोग
सूत्र ने बताया कि उपमुख्यमंत्री के संबंधियों को यह साबित करने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है कि इन संपत्तियों पर उनका वैध अधिकार है और इसे अवैध धन से खरीदा नहीं गया है. जांच लंबित रहने के दौरान वे ये संपत्तियां बेच नहीं सकते. मलिक ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में जो (केंद्रीय एजेंसियों का कथित दुरुपयोग) हुआ, वह अब महाराष्ट्र में हो रहा है.’’ उन्होंने कहा कि 2019 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने कई नेताओं पर दबाव बनाया, जिससे वे अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने कहा कि वही नेता अब कहते हैं कि वे अब शांति से सो सकते हैं, क्योंकि केंद्रीय एजेंसियों की किसी जांच का उन पर कोई दबाव नहीं है. मलिक ने बीजेपी नेता हर्षवर्धन पाटिल के पिछले महीने दिए गए बयान का स्पष्ट रूप से जिक्र कर रहे थे. पाटिल ने कहा था कि भगवा दल में आकर वे ‘‘गहरी नींद’’ का आनंद ले रहे हैं, क्योंकि उनके खिलाफ ‘‘कोई जांच नहीं’’ चल रही. पाटिल 2019 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे.
(भाषा इनपुट के साथ)