शिक्षा समागम का CM योगी ने किया उद्घाटन, कहा-भारत के गौरव को पुनः स्थापित करने का अवसर
लखनऊ। आज यह देश अमृत काल में पहुंच गया है। जब यह देश शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा।तब हमें कैसा भारत चाहिए इसके बारे में हमें अपनी भूमिका तय करनी होगी। विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए हर एक भारतीय को अहम भूमिका निभानी होगी। इसके लिए जरूरी है कि जो व्यक्ति जहां पर कार्य कर रहा है वह अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करें। यह कहना है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का। वह गुरुवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए हर व्यक्ति हर गांव हर जनपद और हर शिक्षण संस्थान को कार्य करना होगा। यदि सभी ने मिलकर अपनी भूमिका ईमानदारी के साथ निभाई तो साल 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनने से दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती है।
इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि साल 2014 से पूर्व के भारत और आज के भारत का अनुभव आप सब कर सकते हैं लीडरशिप बदलते ही आज दुनिया भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है, साल 2014 के पहले भारत के पासपोर्ट की कोई मान्यता दुनिया के अंदर नहीं थी। आए दिन भारत की सीमा में घुसपैठिए घुस आते थे।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुनिया में होने वाले दौरे की वजह से केवल भारत के पासपोर्ट की मानता ही नहीं बढ़ी है बल्कि प्रवासी भारतीयों का सम्मान भी बढ़ा है। आज किसी घुसपैठियों की हिम्मत नहीं है कि वह भारत की सीमाओं के अंदर आ सके और उसका अतिक्रमण कर सके।
उन्होंने कहा कि यह शिक्षण संस्थाओं से जुड़ा हुआ समागम है। इस समागम के माध्यम से हमें सोचना होगा कि एक समय था जब भारत में सबसे उच्च संस्थान हुआ करते थे, लेकिन गुलामी की मानसिकता के चलते भारतीय परंपरा को महत्व देना बंद कर दिया। आज एक अवसर है कि भारत के गौरव को पुन स्थापित करने की जिम्मेदारी शिक्षण संस्थान उठाएं।
कहा कि शिक्षण संस्थानों को चाहिए कि वह युवाओं को शिक्षित बनाने के साथ ही उनके सर्वांगीण विकास का खाका तैयार करें। दरअसल, लखनऊ विश्वविद्यालय में आज यानी गुरुवार से तीन दिवसीय अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम – 2024 शुरू हुआ है। इसका उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किया। तीन दिवसीय अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम का आयोजन लखनऊ विश्वविद्यालय और विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान की ओर से कराया जा रहा है। 15 से 17 फरवरी के बीच आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में देश भर के संस्थानों के कुलपति, निदेशक वा विभागाध्यक्ष शामिल हुए हैं।