उत्तर प्रदेशवाराणसी

ज्ञानवापी मामला: प्रतिवादी पक्ष ने कोर्ट कमिश्नर के खिलाफ न्यायालय में याचिका दाखिल, 09 मई को अगली सुनवाई

वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे के दूसरे दिन शनिवार को प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट कमिश्नर के खिलाफ याचिका दायर की । सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने अर्जी स्वीकार कर अपरान्ह में इस पर सुनवाई की। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुन सुनवाई की। अगली तिथि 09 मई मुकर्रर की। अदालत ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से दिए गए प्रार्थना पर सुनवाई करते हुए वादी पक्ष और एडवोकेट कमिश्नर से आपत्ति प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

अदालत ने कहा कि प्रार्थना पत्र की प्रति अभी तक वादी पक्ष के अधिवक्ताओं को प्राप्त नहीं कराई गई है और न ही एडवोकेट कमिश्नर अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थित हुए हैं। ऐसे में न्यायोचित होगा कि प्रार्थना पत्र की प्रति वादी पक्ष को दी जाए। बताते चलें, फिलहाल मस्जिद सर्वेक्षण का कार्य होगा। सर्वे से संबंधित अदालत का आदेश प्रभावी रहेगा। अदालत में प्रतिवादी पक्ष की याचिका को लेकर दोपहर से ही गहमागहमी रही। प्रतिवादी पक्ष के दाखिल किए गए वाद का अधिवक्ताओं के एक गुट ने न्यायालय में ही विरोध किया। इसके विरोध में जमकर नारेबाजी की गई।

ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के पहले दिन शुक्रवार को प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता और मस्जिद कमेटी पक्ष ने कोर्ट कमिश्नर पर पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप लगा मस्जिद बैरिकेडिंग के आगे नहीं जाने दिया। इसके बाद आज न्यायालय में कोर्ट कमिश्नर को बदलने के लिए अर्जी भी लगाई। मस्जिद कमेटी की ओर से दाखिल किए गए वाद को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने स्वीकार कर लिया।

प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता अभयनाथ यादव व एक लाख अहमद ने अपनी याचिका में कहा कि सर्वे से पहले जिस भूमि के आराजी संख्या 9030 पर विग्रहों की वस्तुस्थिति देखी जानी है, उसकी वस्तु स्थिति पहले जांचनी चाहिए थी, लेकिन कोर्ट कमिश्नर ने ऐसा नहीं किया। कोर्ट कमिश्नर के आदेश में मस्जिद के अंदर प्रवेश कर सर्वे करने का कोई आदेश नहीं लिखा गया है फिर भी वह इस पर आमादा है। लिहाजा इन्हें हटाकर दूसरे अधिवक्ता के जरिए कमीशन की कार्रवाई कराई जाए।

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