नई दिल्ली: न्यूयॉर्क-दिल्ली एअर इंडिया की फ्लाइट में बुजुर्ग महिला पर पेशाब करने के आरोपी शख्स ने जारी विवाद के बीच अपने वकीलों के जरिए बयान जारी किया है. विवादित शख्स की पहचान बिजनेसमैन शंकर मिश्रा के रूप में हुई है, उसने अपनी सफाई में कहा कि उसने महिला के कपड़े और बैग साफ करवाए, साथ ही उन्हें इसके लिए मुआवजा भी दिया. वहीं पूरे विवाद के बाद एअर इंडिया के सीईओ ने कर्मचारियों को मेल किया है.
शंकर मिश्रा के वकील ईशानी शर्मा और अक्षत बाजपेयी ने कहा कि दोनों के बीच व्हाट्सऐप चैट से साफ पता चलता है कि शंकर मिश्रा ने 28 नवंबर को उनके कपड़े और बैग साफ किए और उन्हें 30 नवंबर को पीड़िता के यहां पहुंचा दिया.
उन्होंने कहा कि महिला ने किसी तरह की शिकायत दर्ज कराने का कोई इरादा नहीं दिखाया. बयान में यह भी कहा गया है, “महिला ने अपने संदेश में स्पष्ट रूप से जहाज में किए गए कथित कृत्य की निंदा की. साथ ही शिकायत दर्ज कराने को लेकर अपना कोई इरादा नहीं जताया.”
घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहींः आरोपी
वकीलों ने कहा कि महिला यात्री की लगातार शिकायत केवल एयरलाइन द्वारा दिए जा रहे पर्याप्त मुआवजे के संबंध में थी, जिसके लिए उसने 20 दिसंबर को शिकायत भी की थी. आरोपी शंकर मिश्रा ने 28 नवंबर को पेटीएम पर महिला को मुआवजे के तौर पर भुगतान कर दिया, जैसा कि उनके बीच समझौता हुआ था. हालांकि उनकी बेटी ने 19 दिसंबर को ये पैसे वापस कर दिए.
जारी बयान में कहा गया, “केबिन क्रू की ओर से जांच समिति के सामने दर्ज किए गए बयानों से पता चलता है कि घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं है और सभी बयान महज सुने गए सबूत ही हैं. केबिन क्रू की ओर से दिए गए बयानों में दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते को लेकर भी पुष्टि की गई है. आरोपी शंकर मिश्रा को देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और वह जांच प्रक्रिया में सहयोग करेगा.”
विवाद के बाद CEO ने कर्मचारियों को किया मेल
दूसरी ओर, एअर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कैंपबेल विल्सन ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि उड़ान में किसी भी अनुचित व्यवहार की तुरंत जानकारी दें, भले ही ऐसा प्रतीत क्यों न हो कि मामला निपट गया है. एअर इंडिया के एक विमान में पेशाब किए जाने के मामले को लेकर मचे बवाल के बाद एयरलाइन कर्मचारियों को भेजे एक विभागीय मेल में यह बता कही गयी है.
मुख्य कार्यकारी अधिकारी विल्सन ने कहा कि 26 नवंबर को हुई घटना ‘दुर्भाग्य’ से इस सप्ताह सुर्खियों में बनी रही. उन्होंने कहा, “हम यात्री को हुई पीड़ा को पूरी तरह से समझते हैं.” उन्होंने कहा, “बात जितनी बताई गई थी उससे कहीं अधिक पेचीदा है, स्पष्ट रूप से इससे सबक लेना चाहिए. सबसे जरूरी बात यह है कि अगर विमान में इस स्तर का अनुचित व्यवहार किया गया है, तो हमें जितनी जल्दी हो अधिकारियों को इसकी जानकारी देनी चाहिए, चाहे यह प्रतीत क्यों न होता हो कि उसमें शामिल पक्षों ने मामला निपटा लिया है.”
DGCA ने दो हफ्तों में एअर इंडिया से मांगा जवाब
दूसरी ओर, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कल गुरुवार को कहा था कि मामले पर विमानन कंपनी का आचरण ‘गैर पेशेवर’ प्रतीत होता है. डीजीसीए ने एक बयान में कहा, “संबंधित एयरलाइन का आचरण गैर-पेशेवर प्रतीत होता है और यह प्रणालीगत विफलता का कारण बना.”
डीजीसीए ने एअर इंडिया के अधिकारियों, पायलट अैर चालक दल के सदस्यों को कारण नोटिस बताओ जारी किया है और उनसे दो हफ्ते में इस बात का जवाब मांगा है कि नियमों का पालन न करने को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए.