उत्तर प्रदेशलखनऊ

बुखार से तपता रहा किशोर, देखने तक नहीं आए चिकित्सक, परिजनों ने काटा हंगामा…

लखनऊ। ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय में बुखार पीड़ितों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को देखने के लिए डॉक्टरों के पास फुरसत नहीं है। जूनियर स्टॉफ इमरजेंसी चला रहे हैं। शुक्रवार को बुखार से तप रहे बेटे को लेकर एक दंपती इमरजेंसी में पहुंचे। उसकी सांसे उखड़ रही थी। करीब 20 मिनट तक किसी भी डॉक्टर ने उसे देखा तक नहीं। इस बीच दंपती मिन्नतें करते रहे।

बेटे की बिगड़ती हालात को देख महिला का सब्र टूट गया। उसने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद मौके पर आई एक महिला डॉक्टर ने ऑक्सीजन देकर स्थिति को संभालने की कोशिश की और किसी तरह इलाज शुरू हुआ। वहीं, एक अन्य बुखार पीड़ित मरीज को बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया गया। मरीज को अस्पताल के जरिए एम्बुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराई गई। परिजन उसे ई-रिक्शा से लेकर गए।

ठाकुरगंज संयुक्त अस्पताल 150 बेड की क्षमता का अस्पताल है। यहां 20 बेड की इमरजेंसी भी संचालित होती है। गुरुवार को कैंपल रोड बालागंज निवासी दंपती दोपहर करीब दो बजे बेटे जहीब (14) को लेकर इमरजेंसी में पहुंचे। जहीब को दो दिन से बुखार आ रहा था। सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। आरोप है कि करीब 20 मिनट तक इलाज के लिए मिन्नतें करते रहे, लेकिन कोई चिकित्सक नहीं आया।

हालांकि जूनियर ने पल्स बीपी की जांच कर वापस चला गया। दंपती का आरोप है कि इस दौरान एक महिला डॉक्टर अपने केविन में मौजूद थी। इसके बाद भी वह देखने नहीं आई। परेशान महिला ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद डॉक्टर ने मरीज को ऑक्सीजन लगाकर राहत दिलाई। हालांकि बाद में उसे दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दे दी गई।

बिना एम्बुलेंस कर दिया रेफर, ई-रिक्शा से ले गए परिजन

बालागंज बरौरा के रहने वाले सत्यपाल (35) को करीब एक सप्ताह से बुखार आ रहा था। पत्नी मोहनी में बताया कि पहले पास की एक क्लिनिक से दवा ली। फायदा न होने पर शुक्रवार सुबह करब 8:30 बजे ठाकुरगंज संयुक्त अस्पताल लाया गया। यहां इलाज के नाम पर सिर्फ खून का सैंपल लिया गया। इस बीच मरीज के सिर में तेज दर्द होने लगा।

जिसके बाद उसे बलरामपुर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। यहां तक उसे अस्पताल की तरफ से एम्बुलेंस तक मुहैय्या नहीं कराई गई। आरोप है कि अस्पताल की सीएमएस डॉ. वसुधा ने तो मिलने से ही इनकार कर दिया। हताश परिजन मरीज को ई-रिक्शा से ले गए।

डीजी के निर्देश पर भी इमरजेंसी को दो भागों में नहीं बांटा गया

ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं की शिकायत पर गत 12 अगस्त को डीजी हेल्थ डॉ. दीपा त्यागी ने निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान इमरजेंसी में सामान्य मरीजों के साथ टीबी के मरीज भर्ती होने पर उन्होंने नाराजगी जताई थी। डीजी ने इमरजेंसी को दो भागों में विभाजित करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी यहां व्यवस्था पहले जैसी है।

शुक्रवार को भी इमरजेंसी में टीबी का मरीज सामान्य मरीजों के साथ भर्ती थे। एक मरीज को खांसी के साथ खून आ रहा था। जिस पर कई अन्य मरीजों ने नाराजगी भी जताई। हालांकि इन सभी समस्याओं को लेकर अमृत विचार की ओर से अस्पताल की सीएमएस डॉ. वसुधा सिंह को कॉल की गई, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। मामले पर जानकारी देते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि अस्पताल से आ रही सभी शिकायतों का संज्ञान लिया जाएगा। लापरवाही मिलने पर कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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