अमेठीउत्तर प्रदेश

पशु क्रूरता अधिनियम के दृष्टिगत किसानों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले ब्लेड और कटीले तार पूर्णतया प्रतिबंधित।

किसानअपने खेतों में ब्लेड और कटीले तारों के स्थान पर साधारण तार या रस्सी का करें प्रयोग।

  • अमेठी 17 अक्टूबर 2022, जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने बताया कि शासन द्वारा पशु क्रूरता रोके जाने हेतु किसानों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले ब्लेड/कटीले तारों को पूर्णतया प्रतिबंधित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके क्रम में उन्होंने जनपद के किसान भाइयों से अपील करते हुए कहा है कि अपने खेतों में ब्लेड/कटीले तारों के स्थान पर साधारण तार या रस्सी का प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि पशु क्रुरता अधिनियम 1960 के अध्ययय-3 में “साधारणतया पशुओं के प्रति क्रूरता” (धारा-11) के अंतर्गत पशुओं के प्रति क्रूरता पूर्ण बर्ताव करना पशुओं को अनावश्यक पीड़ा या यातना पहुंचाना, पशुओं का अंग विच्छेद करना या किसी अन्य अनावश्यक ढंग से पशुओं को मार डालना या किसी पशु को सताने के लिए उद्दीप करना आदि दंडनीय अपराध है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम 1955 (यथा संशोधित अधिनियम 2020) की धारा 5 (ख) के अंतर्गत किसी गाय या उसके गोवंश को शारीरिक क्षति पहुंचाना, गोवंश का अंग भंग करना, उसके जीवन को संकटापन्न करने वाली किसी परिस्थिति में लाना आदि भी दंडनीय अपराध है। जिलाधिकारी ने बताया कि उक्त के दृष्टिगत जनपद अमेठी में किसानों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले ब्लेड/कटीले तारों को पूर्णतया प्रतिबंधित करते हुए उक्त के स्थान पर साधारण तार अथवा रस्सी का प्रयोग किया जाए। जिलाधिकारी ने ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायत राज अधिकारी, समस्त खंड विकास अधिकारियों तथा समस्त पशु चिकित्सा अधिकारियों तथा शहरी क्षेत्रों में समस्त अधिशासी अधिकारियों को अपने अपने क्षेत्र अंतर्गत किसानों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले ब्लेड तारों/कटीले तारों के स्थान पर साधारण तार या रस्सी का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं।

 

Lokesh Tripathi

पूरा नाम - लोकेश कुमार त्रिपाठी शिक्षा - एम०ए०, बी०एड० पत्रकारिता अनुभव - 6 वर्ष जिला संवाददाता - लाइव टुडे एवम् न्यूज़ इंडिया टीवी न्यूज़ चैनल एवं हिंदी दैनिक समाचारपत्र "कर्मक्षेत्र इंडिया" उद्देश्य - लोगों को सदमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना। "पत्रकारिता सिर्फ़ एक शौक" इच्छा - "ख़बरी अड्डा" के माध्यम से "कलम का सच्चा सिपाही" बनना।

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