सीएम योगी के खिलाफ केस दर्ज करने की याचिका खारिज, आजम ने सभी नागरिक हिंदू… बयान को बनाया था मुद्दा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने की रिव्यू याचिका को एडीजे -8 द्वारा पोषणीय न होने के कारण खारिज कर दिया गया है। इससे पहले याची आजम राइन की अर्जी ACJM न्यायलय द्वारा खारिज की जा चुकी है। जानकारी के मुताबिक याची आजम राइन ने सीएम योगी आदित्यनाथ के बयानों से आहत होकर याचिका दाखिल की थी। इसमें उनसे न्यूजपेपर का भी हवाला कोर्ट को दिया था।
प्रयागराज के जगबंधनपुर गांव सराय इनायत थाना के रहने वाले आजम राइन ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ थानाध्यक्ष कर्नलगंज को मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किए जाने का निवेदन किया था। दाखिल अर्जी में आरोप लगाया गया था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 16 फरवरी 2023 का बयान दो समाचार पत्रों में पढ़ा। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया था कि भारत हिंदू राष्ट्र है और यहां का हर नागरिक हिंदू है।
सभी को हिंदू नागरिक घोषित करने का अधिकार नहीं
याची ने प्रार्थना पत्र में कहा कि यह संविधान की प्रस्तावना में दिए गए धर्मनिरपेक्ष शब्द का पूरी तरह से उल्लंघन है। उन्होंने भारतीय संविधान का अनुपालन सत्य निष्ठा से करने के लिए शपथ लिया है, हालांकि वो खुद इसका खुला उल्लंघन कर रहे हैं। आवेदक मुस्लिम है और इस्लाम धर्म का अनुयाई है। भारत के सभी नागरिकों को हिंदू घोषित करने का इन्हें कोई अधिकार नहीं है।
इसी आधार पर याची ने प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करने का आदेश पारित करने की अपील की। प्रार्थना पत्र में यह भी कहा गया है कि इस संबंध में राज्यपाल और अन्य को प्रार्थना पत्र प्रेषित किया गया था, हालांकि कोई कार्यवाही नहीं की गई।
आवेदक द्वारा धारा 156 (3)के तहत 2 मई को अधीनस्थ न्यायालय ACJM के न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसी की दाखिल निगरानी याचिका पर गुरुवारह को सुनवाई हुई।
बहस के बाद खारिज की याचिका
जिला शासकीय अधिवक्ता क्राइम गुलाब चंद्र अग्रहरि द्वारा कोर्ट में निगरानी याचिका के एडमिशन पर आपत्ति की गई। साथ ही निगरानी याचिका में क्षेत्राधिकार की कमी बताई, क्योंकि मामला लखनऊ से जुड़ा है। दोनों पक्षों की बहस के बाद प्रभारी जिला जज ADJ-8 सिद्धार्थ कुमार ने निगरानी याचिका खारिज कर दी गई।