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उप्र बजट सत्र : अखिलेश ने कानून व्यवस्था और निवेश के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरा

  • -राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बोले नेता प्रतिपक्ष
  • -कानून व्यवस्था पर किये सवाल तो जातीय जनगणना की उठाई मांग

लखनऊ। उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश विधान सभा के बजट सत्र के चौथे दिन गुरुवार को सरकार पर तीखा हमला बोला। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने सदन में जो भाषण पढ़ा उसे भाजपा ने लिखा था। यदि वह स्वत: के अनुभव के आधार पर बोलतीं तो उनका अभिभाषण इससे अलग होता।

नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सरकार के प्रदेश में निवेश के लिए किये जा रहे प्रयासों पर भी सवाल खड़ा किये। प्रश्नवाचक लहजे में उन्होंने कहा कि यह सरकार मेला कर रही है। अपने मंत्रियों को मेला देखने के लिए विदेश भेजा। 33 लाख करोड़ निवेश के एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं। इससे पहले भी इन्वेस्टर्स समिट हुआ था। बताया गया था कि उसमें चार लाख करोड़ के एमओयू साइन हुए थे। किस-किस के साथ एमओयू हुए और कौन स एमओयू धरातल पर उतरा ? सरकार इसी जानकारी नहीं दे रही है।

अखिलेश यादव ने डेढ़ घंटे से अधिक के भाषण में कभी चुटकी ली तो कभी आक्रामक दिखाई दिए। उन्होंने गोरखपुर एम्स से लेकर कई योजनाओं को सपा सरकार की बताने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि गोरखपुर एम्स के लिए सपा सरकार ने जमीन दी थी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2017 के लोक कल्याण संकल्प पत्र में पुलिस के रिक्त पदों पर भर्ती का वादा किया था। क्या सरकार ने वह वादा पूरा किया।

कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए नेता विरोधी दल ने कहा कि मौजूदा सरकार स्थायी डीजीपी नियुक्त नहीं कर पा रही है। ऐसे में कानून व्यवस्था कैसे सुधरेगी। अखिलेश ने कानपुर देहात की उस घटना का भी जिक्र किया जिसमें मां-बेटी की जलकर मौत हो गयी थी। उन्होंने कहा कि प्रशासन उसे जलता हुआ छोड़ गया।

अखिलेश ने जातीय जनगणना की भी सदन में चर्चा की। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल जातीय जनगणना के मसले पर एकमत हैं। इसलिए जातीय जनगणना होनी चाहिए। हालांकि इस मुद्दे को सपा के सदस्य संग्राम सिंह यादव प्रश्नकाल के दौरान ही उठाए थे। इस पर सरकार की तरफ से मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने उत्तर दिया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर सपा के सदस्य वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिए थे। इस दौरान विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना पीठ से सपा के सदस्यों को उनकी कुर्सी पर जाने का आग्रह करते रहे और सदन की कार्यवाही को बढ़ाते रहे। उन्होंने कहा कि सदन का स्थगन नहीं करेंगे।

इसी हंगामे के बीच सदन चलाते रहेंगे। उन्होंने सपा के सदस्यों से कहा कि उनका यह हंगामा प्रदेश और देश की जनता देख रही है। काफी देर तक चले हंगामे के बाद विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि वह बेहद भारी मन से निर्णय लेने जा रहे हैं और उन्होंने 15 मिनट के लिए सदन स्थगित कर दिया। फिर सदन को 12:20 बजे तक बढ़ा दिया गया। एक अन्य मुद्दे पर सपा के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन भी किया।

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