बिहार में जातीय जनगणना पर बनी सहमति
- राज्य सरकार अपने खर्च पर कराएगी जातीय जनगणना
- मंत्रिमंडल की बैठक में होगा पास
- समय सीमा का होगा निर्धारण
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार संपन्न हुई ऑल पार्टी मीटिंग में जातीय जनगणना कराने को लेकर सहमति बन गई है। यह फैसला सभी दलों के नेताओं से राय लेकर की गई है। सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रदेश में सत्तारूढ़ राजग गठबंधन के नेता सहित विपक्षी राजद-कांग्रेस और वामदलों के नेताओं से रायशुमारी के बाद जातीय जनगणना कराने पर आम सहमति बनी है। यह फैसला सभी की सहमति से लिया गया है। सरकार अपने खर्चे पर इसे कराएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय जनगणना के लिए बड़े पैमाने पर काम करना होगा। यह बहुत बड़ा काम है। इसके लिए राज्यभर में कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। मंत्रिमंडल की बैठक में इसे पास कर इसकी समय सीमा का निर्धारण भी करना होगा। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की होने वाली बैठक में इस पर निर्णय ले लिया जाएगा। इसके बाद इसे जनता के सामने लाया जाएगा। कोई भी बात ढके-छुपे नहीं होगी।
सभी पार्टी और प्रदेश की जनता को इससे अवगत कराया जाएगा। इसलिए जातीय जनगणना को लेकर किसी को कोई संशय नहीं होना चाहिए। राज्य सरकार इसे जब अपने पैसे से काराएगी तो पैसे की जरूरत होगी, जिसे कैबिनेट से पास कराया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में भाजपा की ओर से डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद, राजद की ओर से प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और सांसद मनोज झा, एआईएमआईएम की तरफ से अख्तरुल ईमान, कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा, माले विधायक महबूब आलम सहित कुल नौ दलों के प्रतिनिधि पहुंचे थे।