बजरंग बली की पूजा सिद्धि प्राप्ति में सहायक: रामदेव
भूपेंद्र सिंह
सुल्तानपुर। जिले के कूरेभार विकास खण्ड के बझना गांव में चल रही तीन दिवसीय रामचरित मानस सम्मेलन के दूसरे दिन कथावाचक बाबा रामदेव जी ने हनुमत चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान शंकर के एकादश रुद्रावतार हनुमान जी का जन्म रामकाज के लिए ही हुआ। हनुमान जी बल, बुद्धि व विद्या से परिपूर्ण हैं। इसलिए जब वह माता सीता का पता लगाने के लिए समुद्र पार कर लंका जाना था। तो जामवंत ने इस कार्य के लिए हनुमान जी को भेजा। कलिकाल में हनुमान जी की पूजा से सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
वही कथा में शीतल महाराज ने राम के आदर्शों उनके चरित्र आदि का वर्णन बहुत ही मार्मिक ढंग से किया। रामचरित मानस सम्मेलन के अध्यक्ष शेष नारायण पांडेय ने व्यासपीठ की आरती उतारी उसके बाद मौजूद राम भक्तों को प्रसाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर पंडित प्रदीप पांडेय, अजय पांडेय, सुरेश दत्त पांडेय, राम शिरोमण पांडेय, प्रदीप मिश्रा, विनय पांडेय समेत सैकड़ो की संख्या में राम भक्त श्रोता मौजूद रहे।